



चंदौली जिले में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके तहत अब ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाली सभी प्रकार की दुकानों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य व्यवसाय के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना और राजस्व संग्रह बढ़ाना है।
141 प्रकार के व्यवसायों के लिए लाइसेंस आवश्यक
शासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले 141 प्रकार के व्यवसायों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इनमें चाय की दुकान, किराना स्टोर, हार्डवेयर की दुकान, होटल, मेडिकल स्टोर, किताब की दुकान और अन्य कई प्रकार के व्यवसाय शामिल हैं।
जिला पंचायत को दी गई जिम्मेदारी
लाइसेंस जारी करने और दुकानों की जांच की जिम्मेदारी जिला पंचायत को दी गई है। जिला पंचायत की ओर से लाइसेंस जारी किए जाएंगे और दुकानों की जांच की जाएगी। बिना लाइसेंस के दुकान चलाने पर जुर्माना और केस दर्ज हो सकता है।
लाइसेंस फीस निर्धारित
लाइसेंस फीस व्यवसाय के प्रकार और आकार के आधार पर निर्धारित की गई है। अधिकतम लाइसेंस फीस 10 हजार रुपये है, जो कोल्ड स्टोरेज जैसे बड़े व्यवसायों के लिए है, जबकि न्यूनतम लाइसेंस फीस 500 रुपये है।
नियमों का पालन अनिवार्य
नए नियमों के अनुसार, सभी दुकानदारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लाइसेंस एक साल के लिए वैध होगा और इसका नवीनीकरण करवाना होगा। जिला पंचायत की ओर से समय-समय पर दुकानों की जांच की जाएगी और बिना लाइसेंस के दुकान चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
व्यवसायियों को होगा लाभ
इस निर्णय से व्यवसायियों को भी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने व्यवसाय के लिए एक वैध पहचान मिलेगी। इससे उन्हें बैंक ऋण और अन्य सुविधाओं का लाभ लेने में मदद मिलेगी।
जिले में होगा राजस्व संग्रह
इस निर्णय से जिले में राजस्व संग्रह भी बढ़ेगा। लाइसेंस फीस से मिलने वाले राजस्व का उपयोग जिले के विकास कार्यों में किया जाएगा।
व्यवसायियों से अपील
जिला प्रशासन की ओर से व्यवसायियों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द लाइसेंस के लिए आवेदन करें और अपने व्यवसाय को वैध बनाएं। इससे उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।