अमित मिश्रा
शिक्षकों ने जुलूस निकालकर किया विरोध प्रदर्शन
अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर बुलंद की आवाज मुख्यमंत्री नामित सौपा पत्र
सोनभद्र। संयुक्त शैक्षिक संगठन संघर्ष समिति के बैनर तले समस्त शैक्षिक संगठनों के पदाधिकारी व हजारों शिक्षकों , शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों ने पूर्व से लंबित बाधित समस्याओं का निराकरण किये जाने एवं विभाग द्वारा परिषदीय शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ दोहरा मापदंड अपनाते हुए परिषदीय शिक्षक व शिक्षिकाओं से विद्यालय की पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन व डिजिटल( डिजिटल फेस छायांकन )उपस्थित कराए जाने संबंधी किस निर्देश के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण अधीन शिक्षक शिक्षिकाओं की पूर्व से लंबित बाधित विभिन्न समस्याओं एवं मांगों के संबंध में प्रदेश संगठन एवं जनपद संगठन द्वारा अनेकों अनेक पत्र शासन एवं विभागीय उच्च अधिकारियों को उचित माध्यम से मांग पत्र प्रेषित कर संज्ञानित किया जा चुका है।
जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षक शिक्षिकाओं के कैशलेस चिकित्सा सुविधा( बिना प्रीमियम) स्थानांतरण पदोन्नति वेतन विसंगति विद्यालयों में लिपिक की नियुक्ति एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की मांगे समस्याएं पूर्व से बाधित व लंबित हैं ,वही प्रदेश के शिक्षक शिक्षिकाओं का गंभीर मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली की मांग सम्मिलित है।
शासन विभाग एवं विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा प्रदेश के परिषदीय शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ दोहरा मापदंड अपनाते हुए प्रदेश के शिक्षक शिक्षकों से विद्यालय पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन व डिजिटल ऑनलाइन फेस छायांकन उपस्थित कराए जाने जैसे निर्देश जारी कर दिया गये जो कि प्रदेश के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ पूर्णतः अव्यवहारिक है वह माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसा किया जाना व्यक्ति के निजता का हनन माना गया है।
ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में एवं अपनी बहुत समय से लंबित मांगों के संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख विभिन्न शैक्षिक संगठनों ने उपस्थित होकर आज धरना दिया एवं जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के लिए ज्ञापन भेजा गया।
शिक्षक /शिक्षिकाओं, शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों की मांगे निम्नवत है
ऑनलाइन उपस्थिति पूर्णतः अव्यवहारिक नियमों एवं सेवा शर्तों के विरुद्ध है वह स्वीकार नहीं है इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। परिषदीय शिक्षकों को 30 ई एल हाफ डे सीएल एवं प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाए साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत सप्ताह में अधिकतम 30 घंटे की पढ़ाई निर्धारित करते हुए केंद्रीय विद्यालयों की तरह 5 दिवसीय शिक्षण कार्य कराया जाए। समस्त शिक्षक कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।शिक्षामित्र अनुदेशकों को नियमित किया जाए नियमितीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक समान कार्य समान वेतन के सापेक्ष मानदेय दिया जाए साथ ही एक शिक्षक जनपद में स्थानांतरण भी किया जाए। बरसों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण किया जाए सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद सृजित हो साथ ही शिक्षकों को उनके मूल ऐच्छिक जनपद में स्थानांतरण करते हुए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण किया जाए। परिषदीय शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णतया मुक्त रखा जाए। परिषदीय शिक्षकों को सामूहिक बीमा एवं कैशलेस (प्रीमियम मुक्त) चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जाए।
इस मौके पर रवि भूषण सिंह, योगेश कुमार पांडेय, जयप्रकाश राय, हुकुम चंद्र, अशोक सिंह, अभिषेक मिश्रा, राम नगीना मिश्र, राजेश जायसवाल, राजेश द्विवेदी, रामनिवास शर्मा, नवीन गुप्ता, अभिषेक यादव, नवीन द्विवेदी, चंद्रजीत सिंह, सर्वेश गुप्ता,विवेक यादव,मोहित लाम्बा, विजेंद्र,रविन्द्र सिंह,अमित चौबे,आशुतोष शर्मा, जितेन्द्र चौबे, भोलानाथ अग्रहरि, बिहारी लाल गुप्ता, मनीष शर्मा,शशांक चतुर्वेदी, मनीष श्रीवास्तव,कमलेश सिंह, रंजना सिंह, गायत्री त्रिपाठी, वर्षा सिंह,सरिता, सरला, कुंजलता त्रिपाठी,शशिबाला सिंह,वर्षा वर्मा, प्रीति चक्रवाल, बबिता सिंह,शिवम अग्रवाल, राजकुमार मौर्य ,कौशरजहां सिद्दीकी, वकील अहमद खान ,अरविंद सिंह, रविंद्र सिंह एवं हजारों शिक्षक , शिक्षिकाएं ,शिक्षामित्र , अनुदेशक मौजूद रहे।