राजन
तटीय इलाकों के लोगों में भय का माहौल
मिर्जापुर। जनपद में विकस खण्ड सीखड क्षेत्र में गंगा के बढ़ते जलस्तर से क्षेत्र के दो दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं। मिर्च, कोहड़ा, टमाटर, तिल, मूंगफली आदि की फसलें किसानों के सामने जलमग्न हो रही है। मिर्च व टमाटर की फसल में सारी लागत लग चुकी है बाढ़ के पानी ने फसलों को तबाह कर दिया है।
क्षेत्र की बाढ़ चौकियों पर प्रशासनिक मुस्तैदी बढ़ गई है। स्वास्थ्य, पंचायत, राजस्व विभाग के कर्मचारियो को हर स्थिति पर नज़र रखने को कहा गया है।
रविवार को नायब तहसीलदार गरिमा यादव ने बाढ़ चौकियों पर पहुंच कर जायजा लिया। क्षेत्र के धन्नूपुर, पसियाही, धनैता, विदापुर, प्रेमापुर, रामगढ़, फुलहा, गोरईयां, कालूपुर, ऐबकपुर, घमही, सीखड़, लालपुर, मंगरहा, खानपुर, सोनवर्षा, पतुलुकिया, छितकपुर, हासीपुर, फुलहा, मेड़िया, तम्मनपट्टी, मुंदीपुर, मवैया, मिसिरपुरा, ईश्वरपट्टी, बसारत पुर, मझवांंतरास अदलपुरा गांव विशेष रूप से प्रभावित है। बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्र में आठ बाढ़ राहत चौकी बनाई गई है। जिसमें प्राथमिक विद्यालय धन्नुपुर, डोमनपुर, खैरा, सीखड़, मंगरहा, मुन्दीपुर और प्राथमिक विद्यालय अदलपुरा, रामगढ़ इन बाढ़ राहत चौकियों पर राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विकास खंड से एक एक कर्मचारी तैनात किए गए है।
वहीं बाढ़ से प्रभावित किसानों का कहना है कि बाढ़ ने हम लोगों की एक साल की मेहनत और लागत चौपट कर दी है। बाढ़ का पानी खेतों खलिहानों को डुबोता हुआ अब गांवों की तरफ रुख मोड़ रहा है, यदि इसी तरह गंगा के जलस्तर में वृद्धि रही तो सोमवार शाम तक एक दूसरे गांव का सम्पर्क टूट जायेगा।
खण्ड विकास अधिकारी सीखड़ शशिकांत पाण्डेय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षित स्थानों का चयन कर लिया गया है तथा उनके खाने-पीने रहने की पुरी तैयारी कर ली गई है तथा मवेशियों के रहने और चारा का भी मुकम्मल व्यवस्था किया गया है। किसी भी परिस्थिति में ग्रामीण बाढ़ राहत चौकी से तत्काल संपर्क करें। वही चौकी पर तैनात सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी हाल में चौकी ना छोड़े, मोटर बोट और नाव की व्यवस्था गांवों के लिए आवंटित किए गए है। उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा जो भी ग्रामीणों की समस्या, परेशानी होगी उसे तत्काल दूर किया जाएगा।