वीरेन्द्र कुमार
विंढमगंज (सोनभद्र) । विकास खण्ड दुद्धी के अंतर्गत स्थित महुली के राजा बरियार शाह खेल मैदान पर चल रहे श्रीरामलीला के दसवें दिन बिभिन्न प्रसंगों के चित्रण ने इस मैदान पर बिगत 78 वर्षों से होने वाली ऐतिहासिक रामलीला की छाप छोड़ी।
आपको बता दें कि इसी गाँव की मिट्टी में जन्में जो देश तथा प्रदेश के बिभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियाँ हासिल की उनमें कई इस मंच पर अभिनय कर चुके हैं।
रामलीला के क्रम में सुग्रीव द्वारा हनुमान को सीता की खोज के लिए रवाना करना, अशोक वाटिका में सीता-रावण सम्वाद, हनुमान द्वारा अशोक वाटिका को उजाड़ना,अक्षय कुमार वध, मेघनाथ द्वारा हनुमान को रावण दरबार में बन्दी बनाकर लाना इत्यादि दृश्यों के सजीव चित्रण से रामलीला के मंचन में चार चाँद लग गई।
उधर बानरी सेना सीता माता की खोज में समुद्र तट पर पहुँचती है।अब इस विशाल समुद्र को कैसे पार किया जाय, इसकी मन्त्रणा होती है।तब सबसे बूढे जामवन्त, हनुमान को उनकी शक्ति की याद दिलाते हैं । प्रभु श्रीराम द्वारा दिए गए अंगूठी लेकर हनुमान समुद्र को पार करने को उड़ते हैं।समुद्र पथ पर उन्हें अनेक राक्षसों का सामना करना पड़ता है।इसके बाद लंका के प्रवेश द्वार पर पहुँचते हैं जहाँ लँकनी से मुलाकात होती है।
राक्षसों से भरी लंका के बीच रावण का छोटा भाई भिभिषण राम का नाम जपता है।जिसे सुन हनुमान उनसे मिलते हैं तथा सीता माँ को अशोक वाटिका में होने की जानकारी प्राप्त करते हैं। माता जानकी से मिलकर श्रीराम की दी अंगूठी उन्हें देकर उनका सन्देश देते हैं।भूख लगने की इच्छा व्यक्त कर सीता माँ की आज्ञा पाकर वाटिका का फल खाकर अपनी भूख मिटाते हैं तथा वाटिका को भी नस्ट कर देते हैं।बिरोध करने पर रावण का पुत्र अक्षय कुमार मारा जाता है।पुनः मेघनाथ ब्रह्मास्त्र में बांध हनुमान को रावण के दरबार में ले जाते हैं।जहाँ हनुमान ने रावण को समझाना चाहा कि प्रभु श्रीराम से क्षमा मानकर सीता माँ को लौटा दो वे तुम्हे माफ़ कर देंगे।यह रावण को नागवार लगती है तथा हनुमान की पूँछ में आग लगवा देता है।जिससे हनुमान पूरी लंका जलाकर खाक कर देते हैं।
उधर प्रत्येक दृश्य के बाद दर्शकों में कौतुहल की स्थिति उत्तपन्न होती थी कि अगले दृश्य में क्या होगा।
इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविन्द जायसवाल, अमित कन्नौजिया, वीरेन्द्र कन्नौजिया, चन्द्रभूषण, अमानुल्लाह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।