बसपा कार्यकर्ताओ ने आरक्षण के विरोध में जुलूस निकाला किया विरोध प्रदर्शन

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अमित मिश्रा

कलेक्ट्रेट परिसर पर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन दिया

सोनभद्र। बहुजन समाज पार्टी जिला अध्यक्ष वी सागर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं द्वारा रामलीला मैदान से जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट तक नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन एडीएम सहदेव मिश्रा व एडिशनल एसपी कालू सिंह को सौपा।

वही जिला अध्यक्ष बी सागर ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आदेशों के अनुपालन में आज जिले में बसपा कार्यकर्ताओ ने द्वारा भारत बंद को पूर्ण समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया।

01 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सात सदस्यों की संविधान पीठ द्वारा दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य के केस में निर्णय देते हुए कहा है कि एससी एसटी वर्गों को आरक्षण देते समय क्रीमी लेयर लागू कराने व इन वर्गों में उप-वर्गीकरण किया जायेगा, जिससे एससी एसटी का भारी नुकसान होगा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश 1 अगस्त एससी एसटी का आरक्षण खत्म कर देगा। जिसे बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर जी ने काफी संघर्ष के बाद दिलाया था।
एससी एसटी के आरक्षण का मूल आधार सामाजिक शोषण है न कि आर्थिक, देश की आजादी के बाद भी एससी और एसटी वर्गो के ऊपर छूआ-छूत और अन्य अनेकों प्रकार के शोषण व उत्पीड़न सहने पड़ रहें है।

देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या वर्तमान में भाजपा सरकार हमेशा एससी एसटी के आरक्षण को खत्म करने के लिए सरकारी नौकरियों को कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से कार्य कराया गया है। सरकारी उपक्रमों (संस्थानों) को निजी हाथों में बेच कर एससी एसटी वर्गों को उनके आरक्षण से वंचित कर दिया गया है।

नाट अवलेवल नाट सुटेवल उपलब्ध नहीं उपयुक्त नहीं है, के सिद्धान्त को उपयोग करके एससी एसटी वर्गो का लाखों की संख्या में उनका पद खाली रखना और बाद में उनकी रिक्तियाँ सामान्य वर्गों से भरा जा रहा है।

एससी एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण मिल रहा था किन्तु सुप्रीम कोर्ट के आदेश जो नागराज के सम्बन्ध में था के तहत खतम कर दिया गया उक्त आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए बहुजन समाज पार्टी, के अथक प्रयास से संसद में सर्वेधानिक संशोधन विधेयक लाकर राज्यसभा से पारित कराया गया था किन्तु लोकसभा में कांग्रेस पार्टी व समाजवादी पार्टी, ने अपने सांसदों को उकसा कर उस विधेयक को फड़वा दिया था। तब से आज तक प्रमोशन में आरक्षण का विधेयक लोकसभा में नहीं लाकर पारित नहीं कराया गया जो सरकार की एससी एसटी के प्रति गम्भीर उदाशीनता को दर्शाता है।
01 अगस्त के निर्णय के अन्दर ऐसी व्यवस्था कर दी गई है, कि सम्पूर्ण देश में राज्य सरकारें अपने-अपने राजनैतिक फायदे के लिए एससी एसटी वर्गों के लोगों को आपस में लड़वाने का काम करेगी जिससे इन वर्ग के लोगों को जीवन भर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना पड़ेगा और अन्त में इनका आरक्षित पद खाली पड़े रहने के कारण या तो यह पद खत्म कर दिये जायेगें या इन आरक्षित पदों को सामान्य वर्ग को दे दिया जायेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के अपने निर्णय में स्वयं स्वीकार किया था कि एससी एसटी वर्ग के किसी भी प्रकार का उप-वर्गीकरण इन जातियों के भीतर अलग-अलग व्यवहार करके समानता के अधिकार का घोर उलंघन करेगा, किन्तु 1 अगस्त के आदेश पारित करके माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2004 को अपने ही आदेशों को पलट करके एससी एसटी वर्ग का आरक्षण खत्म कर दिया है।

एससी एसटी वर्ग के लोगों ने जो अत्याचार सहे है, वह एक वर्ग और एक समूह के रूप में सहे है। अतः यह एक बराबर वर्ग है। जिसके भीतर किसी भी प्रकार का उप-वर्गीकरण करना भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत होगा। 01 अगस्त के आदेशों के बाद केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच भी मतभेद की स्थिति उत्पन्न होगी, क्योंकि अभी तक केवल संसद के पास किसी भी जाति की एस. सी. व एस. टी. में सम्मिलित करने या बाहर करने का पावर है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा अपने आदेशों द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। जिसे बदलने का अधिकार राज्य सरकारों को नहीं हैं।

01अगस्त के आदेशों के बाद बहुजन समाज की एक मात्र नेता माननीया बहन कुमारी मायावती जी राष्ट्रीय अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री उवप्रव द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस दिनांक 4 अगस्त 2024 व 10 अगस्त 2024 के प्रेस कॉन्फ्रेंस करके व कई ट्वीट जारी करके समाज व देश का ध्यान आकर्षित करने का काम किया था जो उक्त 10 बिन्दु के रूप में है।
बसपा कार्यकर्ताओ ने मांग किया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर 01 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी बनाया जाय। संविधान के अनुच्छेद 341 व 342, में जो भी व्यवस्था है संविधान के 9वीं अनुसूची में सम्मिलित किया जाये ताकि एससी व एसटी के आरक्षण का मामला कोर्ट के हस्ताक्षेप से अलग हो जाए।

इस दौरान डॉक्टर ओपी मोर्य सेक्टर इंचार्ज ,पन्नालाल  कमलेश गौड़ , अविनाश शुक्ला,  डा0राम अवतार , नीरज श्रीवास्तव ,अमन मौर्य,  प्रीतम गिरी, मनोज कुशवाहा ,पवन कुमार , प्रेम नाथ गौतम ,परमेश्वर भारती, उमेश कुशवाहा, हैदर अली, रामेश्वर आजाद,  शिव शंकर राव,  फूल मोहम्मद , जोखन भारती, बलवंत रंगीला, अनीश भारती ,अमर देव मौर्य ,टाम बाबा , भगवान दास भारती,   रामलखन देहाती,  गोपाल कौशल,   आदि लोग रहे।

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