हाइलाइट्स
अयोध्या राम मंदिर को 16वीं शताब्दी में मुगल शासक बाबर ने तुड़वा दिया था.
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब भव्य राम मंदिर का निर्माण किया गया.
नई दिल्ली. अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाले इस कार्यक्रम को देश-विदेश के लाखों लोगों ने अपने घरों और मंदिरों में टेलीविजन पर देखा. मन में सवाल उठना लाजमी है कि 16वीं सदी में अयोध्या राम मंदिर के टूटने से लेकर अब तक क्या घटनाक्रम हुए हैं. आइये हम आपको इनके बारे में पूरी टाइमलाइन के साथ बताते हैं.
अयोध्या राम मंदिर घटनाक्रम (Ayodhya Ram Mandir Timeline) इस प्रकार है:
– वर्ष 1528 : मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बकी द्वारा राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया.
– वर्ष 1885 : महंत रघुवर दास ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर कर विवादित ढांचे के बाहर एक चबूतरा बनाने की अनुमति मांगी. अदालत ने याचिका खारिज कर दी.
– वर्ष 1949 : विवादित ढांचे के बाहर मध्य गुंबद के नीचे रामलला की मूर्ति रखी गई.
– एक फरवरी, 1986 : स्थानीय अदालत ने सरकार को हिंदू भक्तों के लिए स्थल खोलने का आदेश दिया.
– 14 अगस्त, 1989 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित ढांचे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.
– छह दिसंबर, 1992 : 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद, जिसके बारे में कई हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम के जन्मस्थान स्थल पर बनाई गई थी, को ‘कार सेवकों’ ने ध्वस्त कर दिया.
– तीन अप्रैल, 1993 : केंद्र द्वारा विवादित क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए ‘अयोध्या में निश्चित क्षेत्र का अधिग्रहण अधिनियम’ पारित किया गया.
– अप्रैल 2002 : विवादित स्थल के मालिकाना हक का निर्धारण करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की.
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– 30 सितंबर, 2010 : हाईकोर्ट ने 2:1 के बहुमत से विवादित क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया.
– 9 मई, 2011 : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगायी.
– जनवरी 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया.
– छह अगस्त, 2019 : हाईकोर्ट ने भूमि विवाद पर रोजाना सुनवाई शुरू की.
– 16 अक्टूबर, 2019 : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की, आदेश सुरक्षित रखा.
– 9 नवंबर, 2019 : एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला को दे दी, जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर को सौंपा. शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मस्जिद बनाने के लिए मुसलमानों को किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का भी निर्देश दिया.
– पांच फरवरी, 2020 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा की.
– पांच अगस्त, 2020 : प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 16:51 IST