अटल बिहारी वाजपेयी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित के लिए काम किया:भूपेश चौबे

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अमित मिश्रा

सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर कैथी गांव में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर सदर विधायक भूपेश चौबे, भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता , पूर्व जिलाध्यक्ष अजीत चौबे, पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रमेश मिश्रा सहित सभी कार्यकर्ताओ नेे पुष्पांजलि कर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए जरुरतमंद गरीबों में कम्बल वितरण किया। कार्यक्रम में कवि साहित्यकार अजय शेखर, जगदीश पंथी, कमलेश राजहंस सहित तमाम कवि मौजूद रहे।


कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि सदर विधायक भूपेश चौबे व विशिष्ठ अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता मौजूद रहे।
इस मौके पर सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने संगठन की शक्ति ही कूट कूट कर भरी थी। उन्हे धैर्य और संयम के साथ कडी मेहनत पर भरोसा था। 1980 में जनता पार्टी के टूट जाने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने लालकृष्ण आडवाणी और कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने 1980 से 1986 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे अटल वाजपेयी के अगुवाई मे भाजपा ने धीरे-धीरे अपना संगठन मजबूत किया।


इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता ने कहा कि आज पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर आज यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है और कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के तीन बार प्रधानमंत्री होने के अलावा कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी थे। जनसंघ के संस्थापकों में से एक अटल वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था उनके पिता का नाम कृष्णबिहारी वाजपेयी था। उन्होने ने अपनी शिक्षा ग्वालियर के बिक्टोरिया कालेज से ली जिसे अब लक्ष्मीबाई कालेज के नाम से जाना जाता है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे अटल बिहारी एक ओजस्वी वक्ता और जनकवि थे। अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से मां भारती को विश्व में गौरवान्वित किया और भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे उनके जीवन के हर एक पल से हमें कुछ ना कुछ सिखने को मिला। 


इस मौके पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक अजीत चौबे ने कहा कि भारतीय राजनीति के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भारतीय राजनीति में 6 दशक तक पुरजोर दखल रखने वाले अपनी दूरदर्शिता और करिश्माई व्यक्तित्व की वजह से देश के साथ ही अंतराष्ट्रीय मंचो पर भी अमिट छाप छोडी है। अटल बिहारी के लिए राष्ट्रहित हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर रहा है।  उन्होने अधिकांश समय विपक्ष मे बिताया है इसके बावजूद उन्होने निरंतर जनहित से जुडे मुद्दे उठाए और अपने सिद्धांतो से कभी विचलित नही हुए अपनी दूरदर्शिता और शब्दो के साथ भाषा पर बेजोड पकड के वजह से राजनीति, साहित्य और समाज के हर क्षेत्र में अमिट छाप छोडी चाहे किसी भी कठिनाइयां रही हो अटल बिहारी ने अपने मजबूत इरादों के साथ उनका डटकर मुकाबला किया।

इस मौके पर पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रमेश मिश्रा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामलखन सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अमरेश पटेल, ब्लॉक प्रमुख राबर्ट्सगंज अजीत रावत, नगवां प्रमुख आलोक सिंह, जिला महामंत्री रामसुन्दर निषाद, संतोष शुक्ला, शंम्भू नारायण सिंह, महेन्द्र पाण्डेय, राजबहादुर सिंह, अनूप तिवारी, विनय श्रीवास्तव, सुनिल सिंह, रजनीश रघुवंशी, सुरेश शुक्ला, दिलीप चौबे, वरुण तिवारी, किरन तिवारी, रुबी गुप्ता, गुडिया तिवारी सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।

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