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मानव श्रृंखला बना अधिवक्ताओं ने निकाला जुलूस निकाल, एडीएम को सौपा ज्ञापन

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अमित मिश्रा

मेरठ में 18 अक्टूबर को हुए अधिवेशन के निर्णय का किया अनुपालन में अधिवक्ताहितार्थ मांगो का ज्ञापन दिया।

सोनभद्र(यूपी)। सोनभद्र बार एसोसिएशन की अध्यक्ष पूनम सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओ ने बाइक जुलूस निकालते हुए आज जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए नौ सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौपा। 

बार एसोसिएशन की अध्यक्ष ने कहा कि जनपद स्थापना 1989 हुई इसके बावजूद अभी तक जनपद न्यायालय भवन का निर्माण नही हो सका है। यह जनपद न्यायालय में कुल स्थापित व अनुमोदित न्यायालयों की संख्या 31 है। जनपद एवं सत्र न्यायालय सोनभद्र में अनुमोदित कुल 31 न्यायालयों में से सोनभद्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण प्रशिक्षण व सम्बद्धता के कारण क्रियाशील नही हैं एवं 8 न्यायालय रिक्त हैं।

इस प्रकार जनपद न्यायालय सोनभद्र में कुल 8 न्यायालय वर्तमान समय में कार्यरत नहीं है जबकि जनपद न्यायालय सोनभद्र में कुल लम्बित मुकदमों की सं० लगभग 70000 हो चुकी है।

न्यायालयों में पीठासीन अधिकारीयों की रिक्त व कार्य भार अधिक हो जाने के कारण वादकारियों को समुचित न्याय मिलना कठिन हो गया है तथा न्यायिक प्रक्रिया का त्वरित व सुलभ संचालन नही हो पा रहा है। ऐसी दसा में जनपद न्यायालय सोनभद्र में रिक्त न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति किया जाना न्यायहित में समीचीन है।

यह कि बार एवं बेन्च न्यायिक प्रक्रिया के सुलभ संचालन का आवश्यक अंग होता है। विगत कई वर्षों में सरकार द्वारा न्यायिक अधिकारियों को मिलने वाली उनकी हर आवश्यक भौतिक सुख सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है परन्तु अधिवक्ता समाज अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में बगैर व्यवस्थित चैम्बर व वाहन पार्किंग के अपने न्यायिक कार्यों का निष्पादन समर्पण भावना के साथ करता चला आ रहा है उसके बावजूद आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं को बैठने के लिये स्थायी चैम्बर व वाहन पार्किंग की सुदृढ व्यवस्था नही हो पायी है ऐसी दशा में न्याय एवं अधिवक्ताहित में तत्काल प्रभाव से प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं की बैठने हेतु स्थायी व्यवस्थित चैम्बर तथा वाहन पार्किंग की सुदृढ़ व्यवस्था किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की महती कृपा की जायें।

यह कि गठित मानीटरिंग सेल की बैठक में जनपद सोनभद्र मुख्यालय स्थित सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष-महामंत्री को बतौर सदस्य सम्मिलित किया जावे। मानीटरिंग सेल की होने वाली बैठक माह में 2 बार आहुत की जावें, जिससे जनपद के सभी अधिवक्ताओं के समक्ष आ रही समस्याओं का ज्यादा से ज्यादा निस्तारण किया जा सके। उक्त मानीटरिंग सेल की होने वाली बैठक की देख-रेख में प्रशासनिक न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा स्वयं किया जाए।

यह कि जनपद न्यायालय सोनभद्र में गठित शिकायत निवारण समिति में जिलाधिकारी महोदय सोनभद्र एवं पुलिस अधीक्षक महोदय सोनभद्र को भी बतौर सदस्य सम्मिलित किया जावे तथा जनपद मुख्यालय की सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष-महामंत्री को भी उक्त गठित शिकायत निवारण समिति में बतौर सदस्य सम्मिलित किया जावे। शिकायत निवारण समिति की बैठक भी माह में 2 बार आयोजित की जावें, जिससे जनपद सोनभद्र के सभी अधिवक्ताओं की समस्याओं का ज्यादा से ज्यादा निस्तारण किया जा सकेगा। उक्त शिकायत निवारण समिति की हाने वाली बैठक की देख-रेख भी सम्बन्धित प्रशासनिक न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय द्वारा किया जाय।

यह कि प्रदेश के सभी जनपद न्यायालय में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, मसलन किसी भी अभियुक्त की जमानत के उपरान्त जमानत सत्यापन प्रकिया में जटिलता होने के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। प्रदेश के हर जनपद न्यायालय में जमानतदार सत्यापन के लिये थाना व तहसील स्तर पर एक जमानतदार को न्यूनतम 3000 से 3500 रु० खर्च करना पड़ता है। जिसके कारण न सिर्फ व्यापक भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि वादकारियों को आर्थिक दोहन के साथ-साथ लम्बी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ रहा है। अतएव उक्त के दृष्टिगत सभी जनपद न्यायालय में एक पृथक जमानत सत्यापन केन्द्र की स्थापना की जावे, ताकि भ्रष्टाचार पर पूर्ण अंकुश के साथ जमानत सत्यापन प्रक्रिया में लगने वाले समय को भी बचाया जा सके और गरीब वादकारियों को जनपद मुख्यालय स्तर पर ही अविलम्ब जमानत सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण कराकर न्यायिक लाभ प्राप्त कराया जा सके।

यह कि जपपद न्यायालय सोनभद्र स्थित कई न्यायालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर स्थायी रोक लगायी जावे तथा जनपद न्यायालय सोनभद्र के अधीनस्थ सभी न्यायालयों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाया जाना सुनिश्चित करावें, ताकि सभी माननीय न्यायालयों की कार्यवाही की पारदर्शिता एवं न्यायिक अधिकारियों की कार्यक्षमता का आप श्रीमान व मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा सुलभ संज्ञान लेते हुए आवश्यक एवं प्रभावी कार्यवाही किया जा सके।

यह कि सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि उच्च न्यायालय खुलाहाबाद व खण्डपीठ उच्च न्यायालय लखनऊ में विधि व्यवसाय करने वाले अधिवक्ताओं की यदि बतौर न्यायाधीश मा० उच्च न्यायालय में नियुक्ति प्रदान की जाती है तो ऐसी दशा में उक्त न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने वाले न्यायाधीश को किसी अन्य प्रदेश में सेवा का अवसर प्रदान किया जाये क्योकि इससे न सिर्फ न्यायिक गरिमा व श्रेष्ठता का निर्माण होगा बल्कि तथाकथित भ्रष्टाचार पर भी पूर्ण रुप से अंकुश लगाया जा सकेगा।

इस विरोध प्रदर्शन कर जुलूस में प्रमुख रूप से अधिवक्ता दिनश दत्त पाठक, अतुल प्रताप सिंह, ओम प्रकाश पाठक,महेंद्र प्रसाद शुक्ल, ओम प्रकाश राय, रमेश देव पांडेय, अरुण मिश्र, प्रेम प्रताप विश्वकर्मा, अखिलेश पांडेय, विनोद कुमार शुक्ल, लालता प्रसाद पांडेय,, आसमा, अनिल पांडेय, सेराज अख्तर खान, धीरज पांडेय, अनिल सिंह, योगेशचंद्र द्विवेदी,विजय प्रकाश पांडेय, शक्तिसेन, शारदा प्रसाद मौर्य, नीतेशपाठक,महेंद्र मौर्य, कृष्ण कुमार तिवारी,पवन मिश्र,जितेंद्र विश्वकर्मा, अनुज अवस्थी, अविनाश त्रिपाठी, जितेंद्र श्रीवास्तव,जितेंद्र पांडेय, अरुणकुमारमिश्रा, उमेश मिश्र,अरुण कुमार सिंघल, आशुतोष द्विवेदी, राजेन्द्र यादव, नारद गुप्ता, आशीष शुक्ला, अशोक प्रसाद श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, सत्यदेव पांडेय,सुशील शर्मा,अनिल पांडेय, आरएस चौधरी,आदि शामिल रहे।।

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