अमित मिश्रा
पुण्यतिथि पर योगेश शेखर को सोन साहित्य संगम ने किया याद
सोनभद्र। समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज थे योगेश शेखर। उनके जैसा दूसरा कोई हो ही नही सकता। उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज को दे दिया । उनका चिंतन बेमिसाल था। मैं उन्हें अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि शुभाशा मिश्रा ने प्रख्यात लोकतंत्र सेनानी, समाजवादी चिंतक साहित्यकार पत्रकार शोषित पीड़ित मजलुमो के लिए आजीवन संघर्ष रत, लोक कल्याण के लिए सदैव समर्पित, सच्चे समाज सेवी कर्मयोगी व सादगी की प्रतिमूर्ति, सोन साहित्य संगम सोनभद्र के संस्थापक निदेशक योगेश शुक्ला उर्फ योगेश शेखर की पांचवी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कही।
इस अवसर पर सोनभद्र के नामचीन साहित्यकारों एवम पत्रकारों और समाज सेवियों ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी स्मृतियों को साझा किया।
सोन साहित्य संगम के तत्वाधान में उनके निज निवास न्यू कालोनी में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ साहित्यकार सोन साहित्य संगम के संरक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी में किया और संचालन सोन साहित्य संगम के संयोजक अधिवक्ता राकेश शरण मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ग्रामवासी सेवा आश्रम की संस्थापिका साहित्यकार पत्रकार सोनभद्र के प्रथम विधायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित ब्रजभूषण मिश्र ग्रामवासी की सुपुत्री शुभाशा मिश्रा उपस्थित रही।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवम आमंत्रित अतिथियों द्वारा योगेश शेखर के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर एवम पुष्प अर्पित कर के गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित जनपद के जाने माने कवि साहित्यकार सोन साहित्य संगम के उपनिदेशक सुशील राही, कथाकार असुविधा के निदेशक रामनाथ शिवेंद्र, गीतकार ईश्वर बिरागी, गीतकार डा रचना तिवारी, सुधाकर स्वदेश प्रेम, शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी के निदेशक अधिवक्ता कवि प्रदुम्न त्रिपाठी, विंध्य संस्कृति शोध समिति के निदेशक दीपक केशरवानी, प्रभात सिंह चंदेल,जयराम सोनी ने योगेश शेखर को याद करते हुए उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए काव्य पाठ किया। और सभी ने एक स्वर में कहा कि योगेश जी का संपूर्ण जीवन समाज को शोषित पीड़ित वर्ग के लिए समर्पित था।अनुकरणीय एवम वंदनीय है। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि योगेश जी के बारे में जितना कहा जाए कम है क्योंकि योगेश शुक्ल का जीवन देश और समाज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित था।
कथाकार रामनाथ शिवेंद्र ने कहा कि योगेश जी ने समाज के लिए जो काम किया है वो कोई दूसरा कभी नहीं कर सकता है। उनकी बाते उनके तर्क अकाट्य थे। डा रचना तिवारी ने कहा कि योगेश जी पूरे जीवन काल में समाज के संघर्ष करते रहे और फक्कड़ मिजाजी से जीवन जीने का काम किए। इसके अतिरिक्त योगेश शेखर के पुत्र वरुण शुक्ला, समाज सेवी राजेश अग्रहरी, समाज सेवी बंटी सिंह, मनोज पांडेय, गोपाल त्रिपाठी सहित दर्जनों अतिथियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।