



बद्री प्रसाद गौतम
सलखन सोनभद्र, उत्तर प्रदेश। सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच’ संबद्ध ‘सोनभद्र मानव सेवा आश्रम (ट्रस्ट)’ के बैनर तले, बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में, विश्व को अहिंसा, करुणा, शील और मानवता का संदेश देने वाले तथागत महात्मा बुद्ध जी की त्रिविध पावनी पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रांतों से शिरकत कर रहे उम्दा साहित्यकारों ने अपनी अनुपम कृतियों द्वारा कवि सम्मेलन में चार चांद लगाकर सभी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ कच्छ, गुजरात की पावन धरा से वरिष्ठ कवयित्री और संस्था की राष्ट्रीय संरक्षिका डॉ. संगीता पाल ने बुद्ध वंदना ‘सम्यक संबुद्ध तथागत तुम, करुणा बरसाने वाले हो‘ से किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपनी गरिमामई उपस्थिति में देवसर मध्य प्रदेश से सुप्रसिद्ध साहित्यकार उमेश कुमार गुप्त ने की। काव्य पाठ की कड़ी में मुख्य अतिथि की भूमिका अदा कर रहीं नासिक महाराष्ट्र से धर्म रत्न परम् पूज्य सद्गुरु स्वामी सुनीता दीदी ‘मां’ ने धम्म की अमृत वाणी और मधुर गीत से सभी को रसास्वादन कराया, वहीं महात्मा बुद्ध के प्रथम उपदेश देने वाले जनपद वाराणसी (सारनाथ) उत्तर प्रदेश से विशिष्ट अतिथि मधुर मिलनसार वरिष्ठ साहित्यकार राम नरेश ‘नरेश’ ने ‘बुद्ध जैसा यहां कोई आया नहीं, दया, करुणा की धारा बहाया नहीं ‘ सुनाकर सभी का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए कोटद्वार उत्तराखंड से कवयित्री शकुंतला पंत ने ‘क्षण भर का ये जीवन है, क्षण में आना जाना है’, बाराबंकी उत्तर प्रदेश से ख्याति शिल्पी मौर्या ने ‘जो शुद्ध में विशुद्ध है, फिर तो वहीं बुद्ध है’, सोनभद्र उत्तर प्रदेश से युवा कवि गोपाल सिंह कुशवाहा ने अपने मुक्तक ‘कह दो उनसे कि कुछ तो कसर छोड़ दें. खुद को रहने को अपना इक घर छोड़ दें…‘, राय बरेली उत्तर प्रदेश से कवयित्री सुमन कुशवाहा ने ‘बुद्ध तेरा नाम बड़ा है, बुद्ध तेरा ज्ञान बड़ा है ‘, मुजफ्फरपुर बिहार से युवा कवयित्री स्मृति सुमन ने ‘माफ करना बाबा साहब….‘, राजधानी नई दिल्ली से कवि देवेश दीक्षित ने ‘उपदेशात्मक दोहा.‘ हिमाचल प्रदेश से सुप्रसिद्ध कवयित्री और संस्था की राष्ट्रीय उप सचिव अचला एस गुलेरिया ने बुद्ध पूर्णिमा की बधाई के साथ सामाजिक जीवन पर कटाक्ष करते हुए भावपूर्ण पंक्तियां ‘मन है तो मन मुटाव भी होंगे, जीवन है तो तनाव भी होंगे‘, अलवर राजस्थान की पावन धरा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विपुल कुमार भवालिया ने महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए ‘बुद्ध बनेंगे बड़े महान…’ सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। इस पूरे कार्यक्रम का कुशल संचालन कर रहे सोनभद्र उत्तर प्रदेश से संस्था के राष्ट्रीय सचिव कविवर अवध बिहारी ‘अवध’ ने धम्म देशना के साथ अपने संचालनकत्व में सभी सम्मानित काव्य मनीषियों को ‘नव ज्ञान ज्योति जलाकर, मानव महान बनो’ सुनाकर हार्दिक बधाई प्रेषित किया। वहीं संस्था के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी ‘मधुर’ ने पटल पर उपस्थित सभी गणमान्य साहित्यकारों और श्रोता बंधुओं का हृदय तल से आभार प्रकट कर ‘त्रिशरण‘, ‘पंचशील’ के महत्व को समझाते हुए दो घनाक्षरी ‘ बुद्ध के शरण वाला बुद्ध बन जाता है…’ सुनाकर बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सभी के स्वर्णिम भविष्य की मंगल कामना की। इस अवसर पर सभी कवि और कवयित्रियों को “बौद्घ साहित्य सम्मान–२०२४ से सम्मानित किया गया। अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष के अध्यक्षीय संबोधन ‘ त्याग तपस्या से जीवन का होता है कल्याण, बोलो गौतम बुद्ध महान, बोलो गौतम बुद्ध महान’ के साथ कवि सम्मेलन का समापन किया गया।