



अमित मिश्रा
28 मई तक तीन घण्टे का कार्य बहिष्कार और 29 मई अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। प्रदेश सरकार द्वारा बिजली विभाग को निजी हाथों में देने का विरोध प्रदेश भर में किया जा रहा है। आज सभी जनपदों और परियोजनाओं पर तीन घण्टे का विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार पावर कॉरपोरेशन पर बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखाने और आंकड़ों का फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने जा रही है। जिसके विरोध में आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मचारियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर यह आरोप लगाया है कि वह आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखा रहे हैं और आम उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डालना चाहते हैं, जबकि इसके पीछे मुख्य मकसद निजी घरानों की मदद करना है।
संघर्ष समिति की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निजीकरण के विरोध में आज से समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर अपराह्न 2:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन का यह कार्यक्रम 28 मई तक चलेगा। 29 मई से संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस दी है।
संघर्ष समिति ने कहा कि 29 मई से होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के पहले 21 मई से संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों के प्रांत व्यापी दौरे प्रारंभ होंगे।
संघर्ष समिति ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब किसी प्रांत में पावर कारपोरेशन ने अपने ए आर आर को चार दिन के अंदर पुनरीक्षित कर घाटा बढ़ा चढ़ा कर नई ए आर आर दाखिल की है। संघर्ष समिति ने कहा कि यह सब निजीकरण से पहले निजी घरानों की मदद करने के लिए किया जा रहा है। आगरा में भी निजीकरण के पहले ए टी एंड सी हानियां 54% बताई गई थी जो वास्तव में 40% के नीचे थी। इसका दुष्परिणाम यह है कि आज भी आगरा में पावर कॉरपोरेशन 5.55 रु प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर निजी कंपनी को 04. 36 रु प्रति यूनिट में दे रही है और 274 करोड रुपए का सालाना नुकसान उठा रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को सार्वजनिक तौर पर यह बताना चाहिए कि महज चार दिन पहले नियामक आयोग को सौंप गए ए आर आर में 9206 करोड रुपए के घाटे की बात कही गई थी और कल अचानक ए आर आर को बदल कर 19600 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन यह भी सार्वजनिक करें कि निजीकरण के बाद सरकार सब्सिडी देगी या नहीं देगी क्योंकि उनके द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बार-बार सब्सिडी का उल्लेख किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा कल जारी किए गए सारे आंकड़े भ्रामक हैं और जानबूझकर तोड़ मरोड़ कर रखे गए हैं। घाटा बढ़ाकर दिखाने का मकसद केवल निजी घरानों की मदद करना है। संघर्ष समिति इन आंकड़ों पर कल विस्तृत वक्तव्य देगी।
आज का संयुक्त संघर्ष समिति एवं राज्य विधुत परिसद जूनियर इंजिनियर संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमे मुख्य रूप से इ० सुरेश यादव, इ० शिवम् गुप्ता, इ० राहुल सुंदरम, इ० विवेक कुमार, इ० महेश कुमार, इ० राजेंद्र प्रसाद, इ० राम लाल, इ० अविनाश श्रीवास्तव, इ० संदीप सिंह, इ० विकाश दुबे, सचिन शुकला, राजेंद्र तिवारी, दिनेश कुमार, पुष्पराज सिंह, प्रदीप कुमार गुप्ता, अरविन्द सिंह, सत्यप्रकाश, विजेंद्र सिंह, आनंद, मंगला, जीतेन्द्र, कृष्णा सोनी, अंकित श्रीवास्तव इत्यादि लोग उपस्थित रहे।