अमित मिश्रा
जिले की महत्वपूर्ण सोन नदी में अगोरी से लेकर बरहमोरी तक हो रहा एनजीटी नियमो के विरुद्ध खनन
सोनभद्र (उप्र) । जनपद में सोन और कनहर नदियों में संचालित बालू खदानों पर एनजीटी के मानक अनुसार पट्टेधारक खनन नही कर रहे है, जिससे जलीय जीवों के अस्तित्व पर खतरा मण्डरा रहा है। जिसकी शिकायत राष्ट्रीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके आरोप लगाया है और जिला प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग किया है।
ओबरा तहसील के बरहमोरी बालू साइड में सोन नदी के बीचों-बीच नदी को बाधा जा रहा है, नदी में बड़े-बड़े पत्थर डालकर नदी की धारा को मोड़ते हुए जंगल की हजारों गाड़ी झाड़ियों को भी नदी मे डाला जा रहा है, व दर्जनों पोकलेन मशीन द्वारा नदी की धारा को अवरुद्ध किया जा रहा है। जिसकी शिकायत सम्बन्धित अधिकारियों को किया गया था, जिस पर कोई कार्यवाही न होने की स्थिती में आरजेपी प्रमुख ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि खनन नियमों को धज्जिया उड़ाते हुए हुए नदी न की बीच से रास्ता बनाया जा है।
इस प्रकिया से न केवल नदी के प्राकृतिक प्रवाह मे रुकावट आ रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण कानूनों का का भी अनदेखा किया जा रहा है, भारतीय खनिज संरक्षण नियम के तहत नदी के भीतर खनन करना और किसी भी प्रकार का निर्माण करना अवैध है। इसके वावजूद बरहमोरी बालू साइड में नदी की बीच धारा में अवैध रास्ता बनाया जा रहा है।
अवैध बालू खनन, सोन नदी, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, वन संरक्षण अधिनियम, 1928, जल प्रदुषण की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1974-29, और वायु प्रदूषण के रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1981-30 और वन्य जीवन संरक्षण अधीनियम, 1972, और खान और खनिज, विकास और विनियमन 1957 के तहत सुनिश्चित है की नदी की बहाव और जैव विविधता सुरक्षित रहे, लेकिन पोपलेन मशीनों के उपयोग से नदी की प्राकृतिक स्वरूप भारी नुसकान पहुंचाया जा रहा है।
वही बरहमोरी बालू साइड में हो रहे अवैध खनन व नदी के बीचो बिच रपटा, पुलिया निर्माण यह प्रदर्शित कर रहा है की सम्बन्धित विभाग इस भ्रष्टाचार में पूर्ण रूपेण संलिप्त है। खनन गतिविधियों में हो रही अनिमियताओ को लेकर आरजेपी प्रमुख व बनवासी सेवा संस्थान (ट्रस्ट) सचिव सुरेन्द्र कुमार ने अवैध खनन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा बरहमोरी बालू साइड पर हो रहे भ्रष्टाचार व एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाले पट्टा धारको पर तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्यवाही नही की गयी तो पार्टी संगठन सड़क पर उतरने को बाध्य होगी।