



सी एस पाण्डेय
बभनी। विकास खण्ड बभनी में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत पहली ‘लर्निंग बाई डूइंग’ (एलबीडी) कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के जरिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, और स्वास्थ्य में प्रशिक्षित करना है। कार्यशाला बभनी ब्लॉक के कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय इकदिरी में आयोजित की गई।
एलबीडी लैब का निर्माण खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री प्रेमशंकर और प्रधानाध्यापक इन्द्रकांत त्रिपाठी के प्रयासों से हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) प्रेमशंकर राम व ग्राम प्रधान इकदिरी श्री कुंज बिहारी कनौजिया ने फीता काटकर किया। इस मौके पर नोडल शिक्षक शिव कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए छात्रों को संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता और समय प्रबंधन के गुर सिखाए। ‘लर्निंग बाई डूइंग’ से अर्जित कौशलों को व्यवहारिक रूप से लागू करने की जानकारी दी।कार्यशाला में छात्रों ने विभिन्न मॉडलों और प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। छात्र निकेश कुमार ने लकड़ी का सामान बनाकर उसका प्रयोग करते हुए खेतों से जानवरों को दूर रखने वाली ध्वनि विस्तारक गन का सफल प्रदर्शन किया। छात्र आकाश शर्मा ने वेस्ट बॉटल ट्री प्रोटेक्टर बनाया, वहीं संजीव कुमार ने स्मार्ट यूरिनल मैनेजमेंट मॉडल प्रस्तुत किया। लोगों ने इसकी सराहना की और अन्य विद्यालयों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने बताया कि लर्निंग बाय डूइंग लैब की स्थापना बभनी ब्लाक में दो विद्यालयों पर की गई है जो प्रदेश सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा रहा है। आगे चलकर सभी विद्यालयों में स्थापना किया जाएगा। जिससे छात्र-छात्राओं को आरंभ से ही रोजगार परक शिक्षा प्रदान किया जा सके। विद्यालय के छात्र राहुल ने तापमापी, हृदय संरचना, और अन्य विज्ञान आधारित मॉडलों का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक इन्द्र कान्त त्रिपाठी ने छात्रों को व्यावहारिक सीखने के महत्व और इसके धरातल पर उपयोग की जानकारी दी। वहीं छात्रों को विज्ञान में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान समझायाकार्यशाला के सफल आयोजन से स्पष्ट है कि व्यावहारिक शिक्षण के जरिए विद्यार्थी न केवल ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, बल्कि उसे वास्तविक जीवन में उपयोग करने की दिशा में भी अग्रसर हैं।
इस मौके पर शिक्षक देवेन्द्र कुमार, कंचन लता, शकुंतला, अनुदेशक यशवंत गुप्ता, संतोष यादव मौजूद रहे।
डॉ0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सपनों को साकार करने की पहल
“कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित न रखते हुए, उनके भीतर रचनात्मकता और समस्या-समाधान की क्षमता को विकसित करना है। यह पहल पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के ‘करके सीखने’ के सिद्धांत को साकार करने की दिशा में एक सार्थक कदम है”।