



अमित मिश्रा
शासन ने उप राजस्व अधिकारी, जिलेदार, मुंशी, हेड मुंशी, पदों की संख्या में कटौती तथा नलकूप चालक, सींचपाल समेत अन्य पदों को किया मृत घोषित
मुख्यमंत्री नामित पत्र जिलाधिकारी प्रतिनिधि को देखकर बुलंद की आवाज
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जनपद में संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति बैनर तले सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियो द्वारा आज कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन जिला अधिकारी प्रतिनिधि को देखकर अपनी आवाज बुलंद किया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राकेश कुमार सिंह ने बताया कि
सिंचाई विभाग के रीढ़ अति महत्वपूर्ण पद जैसे उप राजस्व अधिकारी, जिलेदार, मुंशी, हेड मुंशी, पदों की संख्या में कटौती तथा नलकूप चालक, सींचपाल के साथ-साथ मिस्त्री कम ड्राइवर व अन्य आवश्यक पदों को समाप्त किये जाने के शासनादेश 14 मई से कार्मिक समुदाय में अत्यन्त ही रोष व असंतोष व्याप्त है। इसके विरोध में 16 मई को विभाग के समस्त मान्यता प्राप्त संगठनों की बैठक में सर्वसम्मति से सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति उप्र का गठन किया गया।
संयुक्त कर्मचारी कर्मचारी संघर्ष समिति ने 20 मई एवं 21 मई को काला फीता धारण कर प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया, इसके उपरान्त 28 मई को प्रदेश के समस्त कार्यलयों में भोजनावकाश के दौरान गेट मीटिंग के माध्यम से न्याय प्राप्त करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद भी सकारात्मक कार्यवाही न होने के कारण प्रदेश के समस्त संवर्गों के कर्मचारियों भारी आकोश व्याप्त है।
शासन द्वारा उक्त पदों को अनुपयोगी मानने से विभाग में नहरों, लघुडाल नहरों एवं राजकीय नलकूपों के संचालन, रख-रखाव एवं विभागीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा में भारी कठिनाई होना अवश्यम्भावी है। यह कार्मिक ग्राम स्तर पर रहकर किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में महती भूमिका का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से करते हैं। इनकी अनुपस्थिति में पूरी व्यवस्था धरासायी होना सुनिश्चित है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री का प्रदेश के चतुर्मुखी विकास, युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराये जाने के लिए समस्त रिक्त पदों को भरे जाने एवं आवश्यक नये पदों का सृजन कर उप्र के किसानों को उत्कृष्ट सिंचाई उपलब्ध कराने के दृढ़ संकल्प पर कुठाराघात के समान है।
वही इस सम्बन्ध में उच्च स्तर पर वार्ता का समय नही दिया जा रहा है, जिससे वार्ता के अभाव में महत्वपूर्ण मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं। सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश द्वारा निरन्तर किये जा रहे पत्राचार एवं अनुरोध को भी शारान एवं विभाग द्वारा संज्ञान नही लिया जा रहा है। इन परिस्थितियों में कर्मचारी के समक्ष “करो या मरो” की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
इस विरोध प्रदर्शन से सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश का अनुरोध है कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उप्र के पदों को मृत घोषित करने के शासनादेश को समाप्त करे।
इस मौके पर संजय कुमार चौबे, राजेश कुमार सिंह, ओमप्रकाश , अखिलेश चौबे, अजय कुमार, अश्वनी कुमार, राजेश कुमार, रवि कुमार वर्मा, अजय कुमार भारती सहित आदि लोग मौजूद रहे।