अमित मिश्रा
सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान को ग्राम स्वराज्य समिति ने दिया समर्थन
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। ग्राम स्वराज्य समिति बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है।
भारत सरकार के नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर जिला प्रशासन ने जनपद में बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैर सरकारी संगठन ग्राम स्वराज्य समिति के साथ मिलकर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई।
इस कार्यक्रम में ग्राम स्वराज्य समिति ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि जिला प्रशासन के साथ मिल कर जनपद के सभी गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने का कार्य करेगी तथा सभी गांवों के बाहर बाल विवाह मुक्त ग्राम लिखा जाएगा।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए ग्राम स्वराज्य समिति के निदेशक महेशानंद भाई ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है।
आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है।
सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं। वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नही जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
इस मौके पर महेशानन्द सिंह, रामनाथ शिवेंद्र , प्रदुम्न त्रिपाठी , दिवाकर मेघ, प्रभात सिंह चन्देल , राजेश चौबे आदि लोग मौजूद रहे।