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सरकारी अस्पतालों में लगायी जाय सभी उपलब्ध सुविधायों की सूची: जिलाधिकारी

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अमित मिश्रा

चोपन और घोरावल के सीएचसी अधीक्षकों को छोड़ शेष सभी अधीक्षकों को स्पष्टीकरण जारी

सोनभद्र। जनपद में आयुष्मान कार्ड योजना के लिए  चिन्हित निजी अस्पतालों की जांच कराया जाय ताकि आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को शत-प्रतिशत इलाज उपलब्ध कराया जा सके।इसके साथ ही मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में चिकित्सको की सूची अंकित किया जाय। उक्त बातें जिलाधिकारी बीएन सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक के दौरान कहा।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों की सूची रोस्टर के अनुसार लगाई जाए। ब्लड जांच व एक्स-रे  से संबंधित लगने वाले शुल्क की भी सूची लगाई जाए, जिससे कि अस्पताल में आने वाले मरीज को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनटाईड फंड खर्च का विवरण और कार्य योजना के संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से जानकारी ली तो कार्य योजना संबंधित पत्रावली घोरावल व चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य के प्रभारी द्वारा ही प्रस्तुत की गई, अन्य केंद्र के प्रभारी द्वारा कोई कार्य योजना प्रस्तुत नहीं की गई, जिस पर जिलाधिकारी ने घोरावल और चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को छोड़कर बाकी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए।


जिलाधिकारी ने आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत जनपद के चिन्हित 19 प्राइवेट चिकित्सालयों के निरीक्षण के संबंध में संबंधित प्रभारी अधिकारी व डाॅक्टर से जानकारी प्राप्त की तो वह अस्पताल के निरीक्षण के सम्बन्ध में संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि आयुष्मान कार्ड योजना हेतु प्रभारी डॉक्टर द्वारा चिन्हित अस्पतालों का निरीक्षण नियमानुसार नहीं किया जाता है, तो संबंधित डॉक्टर व प्रभारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जाए।

जिलाधिकारी ने उपस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि डिलेवरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सब सेन्टरों पर ही हो, जिससे कि प्रसव के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।

इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी व डीपीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सब सेन्टरों पर मानक के अनुरूप एएनएम की तैनाती सुनिश्चित की जाये, जिन सब सेन्टरों पर पानी, बिजली आदि से सम्बन्धित समस्या हो, उसका शीघ्र ही निराकरण कराया जाये।

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण कार्यों के प्रगति की निगरानी रोस्टर बनाकर निर्माण कार्य की प्रगति की जाॅच सभी डिप्टी सीएमओं के माध्यम से जांच कराई जाए। जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का शत प्रतिशत भुगतान किया जाए, आरबीएसके टीम द्वारा नियमित रूप से भ्रमण किया जाए और आरबीएसके की टीम के कार्यों की मॉनिटरिंग बेहतर ढंग से कराई जाए।

उन्होंने कहा कि टीवी रोग से ग्रसित बच्चों के गोद लेने की कार्यवाही डॉक्टर व जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी की जाए और इसकी बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग की जाए जिससे कि जनपद को क्षय रोग से मुक्त बनाया जा सके, इसमें जनमानस की भी भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 अश्वनी कुमार, मेेडिकल कालेज के प्राचार्य डाॅ0 सुरेश सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत सिंह, जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 हरिकृष्ण मिश्र, सीएमएस डाॅ0 एसएस पाण्डेय, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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