श्रीराम चरित मानस के चौथे दिन हुआ राम दरबार का श्रृंगार

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अमित मिश्रा

श्रीराम का वनवास ना होता तो विश्व का कल्याण ना होता- सूर्य लाल मिश्र

सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जनपद में सोनभद्र नगर के आरटीएस मैदान में चल रहे श्रीरामचरितमानस नवाह महायज्ञ पाठ के चतुर्थ दिवस को श्रीराम दरबार का भव्य श्रृंगार किया गया और भगवान के वनवास की झांकी का दर्शन भक्तजनों ने किया। रामचरितमानस के दोहा और चौपाई का गायन करते हुए मुख्य आचार्य सूर्यलाल मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीराम का वनवास ना होता तो विश्व का कल्याण ना होता। ऋषि-मुनियों और ब्राह्मणों को सताने वाले राक्षसों का नाश ना होता।

भगवान श्रीराम को वनवास भेजने लिए इसका माध्यम बनी उनकी माता कैकई जिसका सुझाव देने वाली मंथरा थी। इस मार्मिक दृश्य को सुनकर, देखकर भक्तजनों की आंखे भर आई तथा जो केकई और मंथरा ने भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के लिए दोषी थी, उन्हें कटु शब्दो से संबोधित करने लगे। यह कथा लोक में प्रचलित है और हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी आज भी कोई अपने पुत्री का नाम कैकेई और मंथरा नही रखता है।जबकि प्रभु श्री राम के ह्रदय में माता कैकेई और दासी मंथरा के प्रति अगाध प्रेम था। जिसे तुलसी दास जी ने अपने ग्रंथ श्री रामचरितमानस में उद्धित किया है।

वही एक दिन पूर्व रात्रि प्रवचन सुप्रसिद्ध कथा वाचक नीरज जी भैया ने धनुष यज्ञ पर बोलते हुए बताएं कि टूट कहीं धनु हुई विवाहू के आधार पर धनुष के टूटते ही विवाह हो गया लेकिन कुलगुरू है उससे पूछ कर वंश व्यवहार के अनुरूप अयोध्या नरेश को पत्र भेजकर बुलाने की सलाह दिया।


उन्होंने आगे परशुराम संवाद पर बोलते हुए कहा कि तेहिं छड राम मध्य धनु तोड़ा। भरे भुवन ध्वनि घोर कठोरा। धनुष के टूटने की आवाज से सारा भुवन में नाद हुआ जिसकी जिसकी आवाज सुनकर परशुराम यज्ञ स्थल पर आ गए उन्हें देख कर सारे राजा थरथर कांपने लगे।
उन्होंने ने विवाह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राम सिया सिर सिंदूर देहि। शोभा कहीं न जात विधि केही। भगवान राम ने सीता की मांग में सिंदूर डालकर विवाह की विधि को पूरा किया। मंच का संचालन करते हुए आचार्य संतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि सिंदूर प्रेम का प्रतीक होने से पति के प्राण आयु को संरक्षित रखने की क्षमता होती है।


इस अवसर पर मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, किशोर केडिया, राकेश त्रिपाठी, रमेश केसरी, जे.एस. चतुर्वेदी, राजेंद्र केसरी, संजय जायसवाल, महेश दुबे, पप्पू शुक्ला, विमलेश पटेल, जेपी गुप्ता, मन्नू पांडे,बलदेव सिंह, विशाल पांडेय, सुधाकर दुबे, हर्षवर्धन, देवानंद सोनी सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।

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