नफीस अली
पिछले दस सालों से अधिकारियों के कार्यालय का लगा रहा चक्कर
बोला शिकायतों के बाद भी नही सुनते अधिकारी अब कार्रवाई के बाद ही भूख हड़ताल होंगी समाप्त
मैनपुरी(उत्तर प्रदेश)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जमीन विवाद में कड़ी कार्रवाई का भले ही निर्देश आला अधिकारियों को दिया जाता हो लेकिन जनपद के किशनी थाना क्षेत्र में तहसील परिसर में अधिकारियों के चक्कर पर चक्कर लगाकर परेशान हो चुका एक दलित परिवार अपने परिवार के करीब 10 से 20 लोगों को लेकर तहसील परिसर में हड़ताल पर बैठ गया है। उसका आरोप है कि कोई अधिकारी उसकी सुनवाई नहीं करता जिसको लेकर पहले 10 सालों से वह परेशान है और भू माफिया उसकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। अब वह परिवार सहित भूख हड़ताल पर बैठ गया है। अब वह यहां से हटने वाला नहीं अगर यहां से कोई हटा भी देगा तो तहसील के बाहर बैठकर हड़ताल शुरू कर देगा। जब तक उसको न्याय नहीं मिल जाता तब तक उसका है हड़ताल चालू रहेगी।
मामला किशनी तहसील क्षेत्र के फरेंजी भिटारा गांव से जुडा हुआ है। जहां का निवासी शिशुपाल बेड़िया अपने परिवार के दस बीस लोगों के साथ महिलाओं बच्चों सहित तहसील परिसर में भूख हड़ताल का बैनर लगाकर बैठ गया है। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी गंभीर मामला है वह कई सालों से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है लेखपाल उसकी फर्जी रिपोर्ट लगा देते हैं और मौके पर जाते नहीं अधिकारियों को फर्जी रिपोर्ट लगाकर गुमराह कर देते हैं।हमारी फाइल तहसील से कमिश्नरी गई कमिश्नरी से वापस भी आ गई और फैसला भी हो गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और जो मैड बंदी कराई भी गई है।लेखपाल जाते हैं और हमारा विरोध कर देते हैं और यह लोग दबंग भू माफियाओ से मिले हुए हैं।
एसडीएम साहब से भी कई बार शिकायत की वह भी कह देते हैं आज आ जाना और कल आ जाना कल मुझे बुलाया गया था मैंने उनका इंतजार किया इसके बाद वह रात 7 बजे मुझको मिले लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई परेशान होकर हमारे परिवार ने फैसला किया और हम सभी लोग मिलकर बच्चे महिलाएं शायद सभी लोग आज भूख हड़ताल पर बैठ गए जब तक हमको न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम लोग खाना नहीं खाएंगे ऐसे ही भूख हड़ताल चालू रखेंगे हमको अगर यहां से जबरन हटाया भी गया तो तहसील के बाहर जाकर गेट पर ही लोग बैठ जाएंगे जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक हमारा यह आंदोलन खत्म नहीं होगा।
हमारी जमीन जबरदस्ती लुटाए जा रही है और जिसके कसूरवार केवल तहसील में तैनात कानून गो और लेखपाल है।कल शाम को एसडीएम साहब ने बुलाया था उनसे बातचीत हुई तो मैं उनसे कहा सब मेरी चार बेटियां विवाह को है अगर इसी में सब गवा देंगे तो उनका विवाह कैसे करेंगे जिस पर अधिकारियों ने कहा बच्चे हमने थोड़े ही पैदा किए हैं बच्चे अपने पैदा किया आप ही उनका विवाह करेंगे। सर मेरा कहना यह था कि बच्चे तो मैं पैदा किए हैं लेकिन इस लड़ाई झगड़े में मेरा पैसा बर्बाद तो न कराया जाए जिससे कि मैं अपनी बच्चियों की शादी कर लूं मुझे न्याय मिल जाए मुझे कोई मतलब नहीं। लेकिन अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो ऐसे ही भूख हड़ताल पर परिवार सहित बैठा रहूंगा।