संवाददाता कौस्तुम केशरी “लकी”
चंदौली (उत्तर प्रदेश)। जिले के चकरघट्टा थाना क्षेत्र में पशु तस्करी तेजी से बढ़ रही है। हर दिन 4-5 गाड़ियां जंगलों के रास्ते से बिहार बॉर्डर की ओर अवैध तस्करी के लिए जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और तस्करों के बीच सेटिंग होने से तस्करी आसानी से हो जाती है, लेकिन कभी-कभी पुलिस को कुछ तस्करों को पकड़ने में सफलता मिलती है। यह पुलिस की कार्यशैली और तस्करी के नेटवर्क पर सवाल उठाता है।
पुलिस की छोटी कार्रवाई, बड़ा सवाल ?
चंदौली जिले में पशु तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई नाकाफी है। हालांकि पुलिस ने कुछ तस्करों को पकड़ा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। तस्करी की जड़ें गहरी हैं और पुलिस के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और तस्करों के बीच सेटिंग होने से तस्करी आसानी से हो जाती है।
थानाध्यक्ष गिरफ्तार, लेकिन तस्करी जारी।
चकरघट्टा थानाध्यक्ष सुधीर कुमार आर्य की गिरफ्तारी के बावजूद पशु तस्करी का कारोबार जारी है। ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन तस्करी का नेटवर्क मजबूत बना हुआ है। पुलिस की अंदरूनी मिलीभगत और प्रशासन की ढील के कारण यह अवैध धंधा चलता रहेगा। प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे तभी तस्करी पर नियंत्रण संभव होगा।