जो कर रहे हैं राम की निंदा वह अब तक है कैसे जिंदा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

अवधूत भगवान राम महाविद्यालय में बही कविताओं की रसधार

तालियो की गड़गड़ाहट और ठहाकों से गूंजता रहा पंडाल

सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। अवधूत भगवान राम महाविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देर रात तक सभागार कवियों की विभिन्न विधा की कविताओं पर कभी तालियो की गड़गड़ाहट तो कभी कहकहे से गूंजता रहा। इटावा से आए ओज कवि कमलेश शर्मा ने रामचंद्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए ललकार भरा, जो कर रहे हैं राम की निंदा वह अब तक है कैसे जिंदा उनके हर एक शब्दों पर पंडाल से तालियो की बौछार होती रही।

इससे पूर्व सीओ पिपरी अमित कुमार, वरिष्ठ पत्रकार राहुल श्रीवास्तव, विजय शंकर चतुर्वेदी, अवधूत भगवान राम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अजय विक्रम सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

ग्वालियर से आए गीत गजल के प्रख्यात कवि राज बहादुर राज ने बादल कब बरसोगे कविता पढ़ कर वाहवाही लूटी, उन्होंने पढ़ा भवरे भी अब गीत बिरह का गाते फिरते हैं, चंचल तितली की आंखों से अब आंसू गिरते हैं, प्रीत रीत की टूट जाएगी तब बरसोंगे बादल कब बरसोगे.. इससे पूर्व कवयित्री विभा शुक्ला ने वाणी वंदना से कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।

सतना से आए हास्य कवि रवि शंकर चतुर्वेदी ने माइक पढ़ते ही अपने हाव-भाव और शब्दों से उपस्थित श्रोताओं को गुदगुदाना शुरू कर दिया उनके एक-एक शब्दों पर लोग लोटपोट होते रहे, कभी ठहाके तो कभी तालितो से उनका खैरमकदम होता रहा।

उन्होंने पढ़ा हिंदी में इंग्लिश का पर्चा अजब करते हैं बाबूजी। जौनपुर से आए कवि अमृत प्रकाश ने बंद पढ़कर उपस्थित श्रोताओं की तालियां बटोरी। वाराणसी से आई हुई कवयित्री विभा शुक्ला ने अपने श्रृंगार रस से आए हुए श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया, उन्होंने पढ़ा ए कान्हा हम तेरी याद में हद से गुजर गई, जीती थी तेरी याद में तेरी याद में ही मर गई। राजस्थान से आए हुए हास्य और व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि अरविंद पोटा ने अपने व्यंग्य के बाणों से लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। ओज और यथार्थ के सशक्त हस्ताक्षर कवि दिनेश दिनकर ने अपने कटाक्षों से समाज के यथार्थ को कविता के माध्यम से लोगों के सम्मुख पेश किया। उन्होंने पढ़ा नदिया सुखे, सागर सुखे पर आंख सुख न पाएगी,जिस दिन सूख जाएंगे आंसू यह कविता भी मर जाएगी। जिसे उपस्थित श्रोताओं ने जोरदार तालितो से सम्मान दिया।

प्राचार्य डॉक्टर अजय विक्रम सिंह ने अपनी स्वरचित कविताओं से ऐसा समा बाधा कि लोग उनके हरफनमौला व्यक्तित्व के कायल हो गए।देश की मुफलिसी, भूख, बेचारगी और लाचारगी को दर्शाते हुए राष्ट्रवादी कवि कमलेश राजहंस ने जब कविताएं पढ़ना शुरू की तो लोगों की आंखें आंसुओं से भीग गई।

उन्होंने अपनी कविताओं से भूख की वेदना और उससे तड़पते मां बेटे और बहन भाइयों की वेदनाएं सुना कर देश के मुफलिसी की दास्तान का जीवंत खाका खींचा। उन्होंने अपने शानदार संचालन से लोगों को देर रात तक पंडाल में बैठने पर मजबूर कर दिया।

ओमप्रकाश ने कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए अपने यथार्थ गीतों से लोगों को सोचने पर मजबूर किया। गौतम मेरठी ने अपने कविता के माध्यम से हिंदू मुस्लिम एकता पर जोर दिया।

क्षेत्राधिकारी पिपरी अमित कुमार ने श्रृंगार रस से संबंधित कुछ मुक्तक पढ़कर लोगों को मंत्र मुग्ध किया।

बताते चलें कि यह काव्य निशा ऊर्जांचल प्रेस क्लब अनपरा के गठन के प्रथम वर्षगांठ पर अवधूत भगवान राम महाविद्यालय और प्रेस क्लब के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। कमेटी द्वारा प्रेस क्लब के अध्यक्ष आरपी सिंह को प्रथम ऊर्जा गौरव सम्मान से नवाजा गया।

इस मौके पर व्यवसायी अरविंद कुमार सिंह, समाजसेवी प्रदीप राय, गौरव खंडेलवाल, दिलीप मिश्रा, सत्यांश शेखर मिश्रा, फिरतू राम यादव, प्रभा शंकर मिश्र, गोपाल गुप्ता, गोपाल चौरसिया, डॉ प्रीति मौर्या, डॉ अजय सिंह, पवन अग्रवाल, सुमित गुप्ता, रंग बहादुर यादव, नीलकंठ तिवारी आदि मौजूद रहे। धन्यवाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष आरपी सिंह ने ज्ञापित किया।

Leave a Comment

426
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?

आप हर छोटी बड़ी खबर देखने के लिए हमारी News website / News portal. www.newsexpressbharat.in और youtube @newsexpressbharat1 चैनल को सब्सक्राइब" करें, लाइक" करें, शेयर" करें, खबरों के लिए संपर्क करें।