भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि LAC पर भारत और चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की दिशा में ‘कुछ प्रगति’ की है, जो एक ‘स्वागत योग्य’ कदम है । उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले बहुत खराब थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है।
भारतीय सेना ने देपसांग में सत्यापन गश्त शनिवार को शुरू की, जबकि डेमचोक में गश्त शुक्रवार को शुरू हुई थी । यह गतिरोध वाले दो बिंदुओं-डेमचोक और देपसांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कुछ दिनों बाद हुआ है।
जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात हैं, जो 2020 से पहले वहां नहीं थे और बदले में हमने भी जवाबी तैनाती की । उन्होंने कहा कि पीछे हटना एक स्वागत योग्य कदम है और इससे यह संभावना खुलती है कि अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं ।
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी बहुत काम करना बाकी है । उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को दूर करने और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत में कहा कि भारत और चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की दिशा में कुछ प्रगति की है, जो एक स्वागत योग्य कदम है । उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले बहुत खराब थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है।
भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी बहुत काम करना बाकी है । दोनों देशों को अपने मतभेदों को दूर करने और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए ।
भारत-चीन संबंधों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं, जिनमें 1950 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होना, 1962 में सीमा संघर्ष, और 1988 में भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चीन यात्रा शामिल है ।