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शिक्षकों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर करे किया जाएगा जागरूक

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अमित मिश्रा

शिक्षकों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर करे जागरूक

सोनभद्र। मुख्य चिकित्साधिकारी,डॉ अश्वनी कुमार ने बताया कि बच्चों में मानसिक तनाव के चलते मानसिक बिमारियां बढ़ रही है, और तो और अब बच्चें भी आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे है। उन्हे ही रोकने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, सोमवार को कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा चयनित जनपद के 24 हाईस्कूल एवं इण्टरमिडिएट कालेजों के शिक्षकों को छात्रों में मानसिक रोग के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि बच्चों में मानसिक एवं शारिरिक स्वास्थ्य एक दुसरे के पूरक है, मानसिक लक्षणों में मन उदास होना, पश्चाताप की भावना, उलझन व घबराहट, पढ़ाई में मन न लगना, स्कूल में अक्सर अनुपस्थित रहना, अक्सर अपने सहपाठियों के साथ मार-पिट करना, अपने सहपाठियों के वस्तुएं चुराना, स्कूल में समायोजन की समस्या, ध्यान केन्द्रित करने की समस्या, होम वर्क को पूरा न करना, अकेले रहना, एक शब्द या वाक्य को बार-बार दोहराना, अक्षर को पहचानने में परेशानी, नशे की लत इत्यादि मानसिक समस्याओं के लक्षण हो सकते है। वर्तमान में मोबाइल फोन का बढ़ता दुरूपयोग, पारिवारिक कलह, मनचाही वस्तुओं का न मिलना, अभिभावकों की अत्यधिक अपेक्षाएं, परिवार के बड़े लोगों का साथ न मिलना तथा परीक्षा के उपरान्त छात्रों के मशां अनुरूप परिणाम न आना भी कई सारे मानसिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। उन्होने कहा कि बच्चों के मानसिक समस्याओं कि उपचार/काउसंलिंग हेतु मानसिक स्वास्थ्य टीम स्कूलों मे भ्रमण कर मानसिक समस्याओं से ग्रसित छात्रों का पहचान किया जा रहा है, साथ ही प्रत्येक आशा के क्षेत्र में 9 से 19 वर्ष तक के 04 पीयर एजुकेटर (02 लड़क एवं 02 लड़कियां) को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिनके माध्यम से उनके क्षेत्र में मानसिक समस्या एवं नशे की लत के शिकार किशोर – किशोरियों की पहचान कर उन्हे नजदिकी स्वास्थ्य केन्द्र पर स्थित किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक में उपचार हेतु लाया जा रहा है। उन्होने शिक्षकों को संदेश देते हुए कहा कि समस्त छात्रों में आगे बढ़ने और कुछ अच्छा करने की ललक जगाइए उन्हें सपने दिखायें कि वे भी अपने जीवन में पढ़ लिखकर अपना बेहतर भविष्य बनाने हेतु सर्वथा समर्थ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अश्वनी कुमार ने बताया की मानसिक समस्याओं के उपचार/काउंसलिंग हेतु भारत सरकार द्वारा टेली मानस नंबर – 14416 (टोल फ्री) जारी किया गया है, जिसके संचालन के लिए मानसिक चिकित्सालय गोरखपुर, वाराणसी एवं बरेली तथा मानसिक चिकित्सालय एवं संस्थान आगरा में टेली मानस सेल की स्थापना की गई है, जो 24×7 संचालित है, किसी भी उम्र का व्यक्ति टेली मानस नंबर पर कॉल कर मानसिक समस्याओं से संबंधित सहायता प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल डा0 प्रेमनाथ, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 किर्ती आजाद बिन्द, पी0एस0डब्ल्यू0 सौरभ सिंह एवं जिला समन्वयक-आई0पी0ई0 ग्लोबल संजीत सिंह उपस्थित रहें।

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