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मुनीर बख्श आलम स्मृति सम्मान प्रदुम्न त्रिपाठी को, तीन पुस्तकों का हुआ विमोचन।

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अमित मिश्रा

सोनभद्र। हिंदी साहित्य पत्रिका असुविधा के व राष्ट्रीय संचेतना समिति सोनभद्र के सौजन्य से जेई सभाकक्ष रा गंज में वरिष्ठ साहित्यकार अजयशेखर की अध्यक्षता में तथा विशिष्ट अतिथि ओम धीरज पूर्व अपर आयुक्त मुख्य अतिथि डा, अनिल कुमार मिश्र ज्वाइंट डायरेक्टर मेडिकल,रहे।मंंच पर पारसनाथ मिश्र हिमांशु उपाध्याय, विमलेश कुमार त्रिपाठी, ओमप्रकाश त्रिपाठी, शिवनारायण, शिव, नागेन्द्र, वारिद, चेयरमैन रूबी प्रसाद, आदि रहे। वाग्देवी व मुनीर बख्श आलम के चित्र पर माल्यार्पण दीपदान पश्चात वाणी वंदना दिवाकर मेघ ने करके विधिवत आगाज किया।
आलम स्मृति सम्मान ग्यारह हजार रुपए प्रशस्ति पत्र अंगवस्त्र लेखनी पुस्तिका श्री फल साहित्य पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया।साथ ही प्रतिभा सम्मान होनहार युवा कवि दिलीप सिंह दीपक को इक्कीस सौ रुपए प्रदान किया गया।सफल संचालन प्रथम सत्र का वरिष्ठ पत्रकार भोला नाथ मिश्र ने किया। दूसरे सत्र कवि गोष्ठी का संचालन दिलीप सिंह दीपक ने किया। तीन किताबें विमोचित की गई जिसमें बेख़बर बागवां शिवनारायण शिव गजल संग्रह, सोनभद्र प्राचीन इतिहास पुस्तक लेखक रामनाथ शिवेंद्र,आओ मुकाबला करें उपन्यास नागेन्द्र वारिद रही। मुनीर बख्श आलम के रचना संसार पर असुविधा द्वारा पुस्तक भी लोकार्पित की गई। मुझको अबला मत समझो मैं झांसी वाली रानी हूं सुनाकर ओज की सशक्त कवयित्री कौशल्या चौहान ने शमां बांध दिया। धर्मेश चौहान ने बड़ा ही प्यारा बड़ा ही न्यारा अपना हिंदुस्तान, सुनाया और सराहे गये। प्रभात सिंह चंदेल ने देश भक्ति गीत पढ़ कर वाहवाही बटोरी। कवयित्री अनुपम वाणी ने,इतनी सद्बुद्धि दे मुझे मांगूं तो तेरी भक्ति मांगूं सुनाया गतिज ऊर्जा दीं शिवदास चंदौली से पधारे कवि ने अरे बाप रे बाप पतोहिया मिलल उचक्का,,
जयराम सोनी ने,नीमन नीमन बाति सुना के आगि लगवला पानी में। अशोक तिवारी एड विकास वर्मा नजर मोहम्मद नजर अब्दुल हई धनंजय सिंह राकिम बहर बनारसी अलका केसरी योगेन्द्र मिश्र सुशील राही ईश्वर विरागी दीपक केसरवानी दयानंद दयालू सुधाकर सुधाकर स्वदेशप्रेम मदन चौबे अजय चतुर्वेदी कक्का जुल्फेकार हैदर दिव्या राय खां इसरार अहमद प्रदुम्न त्रिपाठीएड निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र राकेश शरण मिस्र एडवोकेट सोन साहित्य संगम के संयोजक आदि कवियों ने कविता सुनाकर गीत गजल मुक्तक छंद सवैया श्रृंगार ओज की रचना सुनाकर पूरे वातावरण को साहित्य मय बना दिया। इस अवसर पर डा, कमरुद्दीन आलम खुर्शीद आलम नसीम बानो विजय प्रकाश पाण्डेय एड वोकेट कृपा शंकर मिश्र अमरनाथ मिश्रा एडवोकेट यतीन्द्र नाथ उपाध्याय रिषभ त्रिपाठी ठाकुर कुशवाहा पुरुषोत्तम कुशवाहा प्रधान फारुख अली हाशमी नीतिन सिंह सोनल सिंह समेत सैकड़ों श्रोतागण देर शाम तक जमे रहे।
आभार संयोजक जगदीश पंथी स्वागत भाषण आयोजक रामनाथ शिवेंद्र ने किया। आयोजन देर शाम तक चलता रहा।

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