अवैध खनन का खेल : एनजीटी टीम की वापसी के बाद फिर से शुरू हुआ अवैध खनन।

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अमित मिश्रा

एनजीटी टीम को वापस जाते ही सोन नदी के अगोरी, बरहमोरी, भगवा में प्रतिबंधित मशीनों द्वारा अवैध खनन जोरो पर

0 मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र

सोनभद्र। जनपद सोनभद्र के ओबरा तहसील अंतर्गत सोन नदी के ग्राम अगोरी, बरहमोरी तथा भगवा में हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर जन अधिकार पार्टी के निवर्तमान मण्डल अध्यक्ष भागीरथी सिंह मौर्य ने सोमवार को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेज अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग किया, साथ ही शिकायती पत्र की प्रतिलिपि भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक उत्तर प्रदेश सरकार, मण्डलायुक्त विन्धयाचल मण्डल, जिलाधिकारी सोनभद्र एवं खनिज अधिकारी सोनभद्र को भी भेजा।
जन अधिकार पार्टी के निवर्तमान मण्डल अध्यक्ष भागीरथी सिंह मौर्य ने बताया कि जनपद सोनभद्र के ओबरा तहसील अंतर्गत ग्राम अगोरी, बरहमोरी तथा भगवा में संचालित बालू साइडों पर पट्टाधारकों द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल से काफी आगे बढ़कर सोन नदी में बेखौफ अवैध खनन किये जाने को लेकर जन अधिकार पार्टी ने दिनांक 28 नवम्बर 2024 को जिला क्वैरी ( खनन ) अधिकारी सोनभद्र को सौप कार्यवाही की मांग किया था जिसकी खबर विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुई थी साथ ही अन्य लोगो ने भी शिकायते की थी, जिसको संज्ञान में लेकर एनजीटी की टीम का जनपद में आना हुआ जिससे बालू खननकर्ताओं/ पट्टाधारकों में इस कदर हड़कंप मचा गया की प्रतिबंधित मशीने सोन नदी से बाहर कर दी गयी परन्तु एनजीटी टीम को वापस जाते ही प्रतिबंधित मशीने सोन नदी में प्रवेश कर गयी और खननकर्ताओं/ लीजधारकों द्वारा बेखौफ अवैध खनन सुरु कर दिया गया जिससे यह प्रतीत होता है कि जिला क्वैरी ( खनन ) अधिकारी द्वारा बालू लीज धारकों/ पट्टा धारकों को सोन नदी में अवैध खनन के लिए खुली छूट दे दी गयी है ।

सोन नदी की जलधारा को बांध पुल बनाकर लिफ्टिंग मशीनों ( नाव मशीनों ) व पोकलेन मशीनों द्वारा बालू का खनन किया जा रहा है, जबकि एन० जी० टी० एवं उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशानुसार बालू खनन के लिए किसी भी दशा में नदी की जलधारा को मोड़ा / प्रभावित नहीं किया जा सकता है एवं लिफ्टिंग मशीन ( नाव मशीन ) व पोकलेन मशीन का प्रयोग भी प्रतिबंधित है। इसके बावजूद भी बालू खननकर्ताओ द्वारा नदी की जलधारा को बांधकर लिफ्टिंग मशीन ( नाव मशीन ) व पोकलेन मशीन के द्वारा बालू खनन का कार्य किया जा रहा है जिससे नदी के मूल स्वरूप तथा अस्तित्व पर गंभीर खतरा मड़रा रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन घंडियाल,मगरमच्छ और कछुआ सहित असंख्य विविध जलीय जीव जंतुओं का जीवन समाप्त हो रहा है, जो सीधे पर्यावरण के लिए खतरा है जिसका असर मानव जीवन पर भी पड़ेगा ।
आगे भागीरथी सिंह मौर्य ने, बालू लीज/ पट्टाधारकों द्वारा लीज एरिया से बढ़कर नदी की जलधारा में बालू का खनन करने पर तत्काल रोक लगाये जाने, लिफ्टिंग मशीनो (नाव मशीन) द्वारा किए जा रहा बालू खनन जिस पर तत्काल रोक लगाते हुए मजदूरों द्वारा कराये जाने, नदी की जलधारा को मोड़कर एवं पुल बनाकर सेक्शन मशीनों ( नाव मशीन ) द्वारा नदी की जलधारा से बालू निकाला जा रहा है जिस पर तत्काल रोक लगाये जाने, बालू लीज स्थल पर रेट बोर्ड लगाये जाने, बालू लीज स्थल के प्रत्येक कोने पर सीमा स्तंभ व लीज होल्डर का बोर्ड लगाए जाने व बोर्ड पर लीज होल्डर का पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर तथा रखबा लिखे जाने की मांग किया है जिससे सोन नदी का मूल स्वरूप एवं जलीय जीव जंतुओं का जीवन बच सके एवं पर्यावरण संतुलन बना रहे ।

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