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बाढ़ की तैयारियो का जिलाधिकारी ने किया समीक्षा,दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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राजन

मीरजापुर। बरसात के शुरू होते ही जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए आज जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा किया गया।  बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

बैठक में जिलाधिकारी ने बाढ़ कंट्रोल रूम 08-08 घण्टे शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी जाए। उन्होने कहा कि यदि टेण्डर आदि नही हुआ हो तो करा लिया जाए। उन्होने कहा कि बाढ़ के पश्चात जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम्य विकास विभाग एवं नगर पालिका/पंचायत के द्वारा चूने का छिड़काव व आवश्यक व्यवस्थाए सुनिश्चित कराए ताकि संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सकें। उन्होने कहा के दौरान प्रभावित होने वाले खेतो का सर्वे उप जिलाधिकारी, उप निदेशक कृषि संयुक्त रूप से कर ले। उन्होने कहा कि तीन-तीन अच्छे स्थलों पर मानव व पशु सहायता शिविर की स्थापना की जाए। उन्होने कहा कि प्रभावित गांवो के परिवारो की सूची के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सामाग्री उपलब्ध होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी बाढ़ चैकियों पर वारलेस की सुविधा अवश्य होनी चाहिए।

उन्होने कहा कि ऐसे गांव जो बाढ़ के दौरान पूरी पानी घिर जाते है उनके लिये स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डाक्टरो की टीम बना ली जाए ताकि वहां किसी प्रकार के उपचार की आवश्यता हो तो उन्हे मुहैया कराया जा सकें। उन्होने कहा कि क्लोरीन की गोली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग उप जिलाधिकारीगण को उपलब्ध कराते हुये इस आशय का प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करायेंगे। उन्होने कहा कि स्थानीय गोताखोरो व नाविको से सम्पर्क स्थापित किया जाए ताकि बाढ़ के दौरान रास्ते की जानकारी में कोई कठिनाई न हो। उन्होने कहा कि राहत शरणालयों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम व तहसीलवार माइक्रो प्लान बनाया जाए।

उन्होने कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक विकास खण्डो में कम से कम एक-एक माॅडल शरणालय अवश्य बनाया जाए। उन्होने कहा कि माॅडल बूथ की तरह ही माॅडल राहत शिविरो की स्थापना की जाए। इसके साथ ही बाढ़ के दौरान हेलीपैड का भी निर्माण कराया जाए। उन्होने कहा कि पिछले वर्ष से भी बेहतर राहत शिविर का निर्माण कराया जाए। उन्होने कहा कि जल भराव होते ही सभी राहत शिविर सक्रिय कर दिये जाए। उन्होने कहा कि लंच पैकेट क्रय करने स्थान सामाग्रियोे को क्रय करते हुये लंच पैकेट बनाकर वितरण कराया जाए। उन्होने कहा कि क्रय की जा रही सामाग्रिया गुणवत्तापूर्ण होेनी चाहिए। उन्हाने कहा कि राहत शिविरो में मेडिकल टीम, शौचालय, शुद्ध पेयजल आदि बुनियादी सुविधाए उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होने कहा कि शिविर महिलाओं, पुरूषो व बच्चों लिये अलग-अलग बनाया जाए तथा पशुओ के भूषा के लिये टेण्डर कराकर लिया जाए।

उन्होने कहा कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि ऐसे गांव जो बाढ़ में पूरी तरह पानी से घिर जाते है उन गांवो में पशुओ का टीकाकरण व दवाईयां पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराए। उन्होने कहा कि चैकियों अच्छे लेखपालो की ड्यूटी लगायी जाए। उन्होने कहा कि बाढ़ से पूर्व प्रत्येक ग्राम पंचायतों में बाढ़ राहत चैपाल का आयोजन कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में पशुओ की गणना कर ली जाए तथा इसके साथ ही कच्चो एवं पक्के मकानो का भी सर्वे कर लिया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह सभी कार्य बाढ़ से पूर्व कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि उप जिलाधिकारीगण व खण्ड विकास अधिकारी नाविको व गोताखारो के साथ बैठक कर लें। उन्होने कहा कि नावो पर ओवरलोडिंग नही होनी चाहिए। उन्होने कहा कि बाढ़ प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझते हुये एक दूसरे से समन्वय स्थापित करते हुये पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होने कहा कि गांवा में भरने पर विद्युत विभाग वहां बिजली काट दे ताकि पानी में करंट न आये। उन्होने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सहायं विकास अधिकारी पं0 को चुना छिड़काव हेतु पत्र प्रेषित कर दें।

उन्होने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि तहसील सदर व चुनार में दो ऐसे स्थलो का चिन्हाकंन करे जहां दो से तीन पशु रखने की व्यवस्था रहें।

बैठक में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल, उप जिलाधिकारी सदर आसाराम वर्मा, उप निदेशक कृषि विकेश पटेल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ राजेश सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका गोवा लाल, आपदा प्रबन्धक अंकुर गुप्ता सहित सभी सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

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