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तत्कालीन पट्टाधारक और खनिज विभाग के अधिकारी पर एफआईआर का सीजेएम कोर्ट ने दिया आदेश

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अमित मिश्रा

रावर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस को तत्कालीन पट्टाधारक सतीश कुमार उपाध्याय, साहिल खान और खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पर दर्ज होगा मुकदमा

156(3) के तहत सीजेएम कोर्ट ने दिया आदेश

सोनभद्र। कोविड काल की आपदा को खनन माफियाओं ने अवसर में बदल कर जनपद में खनिज और जीएसटी विभाग की साठगांठ से खनिज पट्टाधारक वाहन स्वामियों को मोहरा बनाकर किस तरह से सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे है यह मुख्यालय के एक वाहन स्वामी शिव दधीच सिंह की तरफ से अधिवक्ता संतोष पटेल द्वारा 156(3) न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल किया था। इस पर विद्वान अधिवक्ता के तर्कों से सहमति जताते हुए सीजेएम सोनभद्र ने रॉबर्ट्सगंज थानाध्यक्ष को उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना करने का आदेश 30 सितम्बर को पारित किया।

प्रार्थना पत्र में शिव दधीच सिंह ने कहा कि यह पेशे से वाहन संचालक है। उसने अपने पुत्र धर्मेन्द्र कुमार के नाम से भी एक वाहन का संचालन करता था। घटना वर्ष 2020 के अप्रैल व मई माह की है, जब पूरा देश कोविड 19 की चपट में था तहसील क्षेत्र दुद्धी के बघाडू वन रेंज में स्थित नगवां बालू  खनन साइट प्रा० सतीश कुमार उपाध्याय की फर्म मे० अमन एसोसिएट्स के नाम से संचालित थी। जहां वह अपने वाहनों को भेजता था और बाकायदा एमएम-11 व उसके सापेक्ष जीएसटी बिल तथा अन्य प्रपत्रों के साथ परिवहन का काम करता था।

इसी बीज लीज होल्डर एवं उनके कर्मियों द्वारा आर्थिक अपराध करने की मंशा से कुछ फर्जी व कूटरचित एम.एम.-11 व उसके सापेक्ष जी.एस.टी. बिल जारी किया जाने लगा जिसकी चपेट में वह भी आ गया। इस फर्जीवाडे की जानकारी तब हुई जब उसका वाहन लोढ़ी टोल प्लाजा, स्थित खनन बैरियर पर खनन कर्मियों द्वारा फर्जी द कूटरचित्त एमएम-11 के कारण एक मई 2020 को रोक लिया गया। उसने मौके पर पहुंचकर बताया कि उक्त एमएम-11 लीजधारक द्वारा ही जारी किया गया है तो खनन कर्मियों ने लीज धारक व उनके लोगों को बुलाकर सारी सच्चाई जानने के बाद उसको आश्वास्त किया कि आप परेशान न हों, वह लोग आपस में मिलकर सब मामला हल कर लेंगे। किन्तु पता नहीं क्या हुआ कि सात मई 2020 को उसके वाहन के खिलाफ मु०अ०सं०-337 थाना कोतवाली राबर्टसगंज में दर्ज कर लिया गया जिसकी जानकारी उसको तब हुई जब विवेचक का लगभग 14-15 मई 2020 को फोन आया कि आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

इसके बाद वह विवेचक सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात बताता रहा कि वह पूरी तरह से बेगुनाह है और उसको गलत तरीके से खनन कर्मियों व लीज धारक की मिलीभगत से फर्जी मुकंदमे में फंसाया जा रहा है किन्तु किसी ने उसकी एक न सुनी और लीज धारक के साजिश व अनैतिक प्रभाव में आकर मनमानी तरीके से आरोप पत्र सं0-538/ 2020 न्यायालय में दाखिल कर दिया गया जो न्यायालय में मु०नं०- 4211/ 2021 प्रचलित है।

वही अधिवक्ता संतोष पटेल ने बताया कि कोविड 19 का असर कम होने के साथ ही उसने स्वयं अपने स्तर से इस पूरे प्रकरण की छानबीन व तथ्यों व दस्तावेजी साक्ष्यों को धीरे-धीरे इक‌ट्ठा करना प्रारम्भ किया। तब यह तथ्य सामने आया कि लीज धारक द्वारा न केवल उसको अपितु सैकड़ों वाहनों पर फर्जी व दूरचित्त एम.एम.-11 व जी.एस.टी. बिल जारी किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में लीजधारक सतीश कुमार उपाध्याय व इनका कर्मचारी शाहिल खां तथा खनन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की आपसी मिली भगत व सांठ-गांठ के तहत आर्थिक दुरभिसंधि के कारण पूरी तरह से निरपराध होने के बावजूद उसको पूरी तरह से मुकदमे में फंसा दिया गया जिसकी कई बार पूरी जानकारी देते हुए थाना इलाका च पुलिस अधीक्षक से कई बार कार्रवाई की मांग की गयी किन्तु कोई कार्रवाई नहीं होने पर प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पुनः आग्रह करते हुए चार मई 2024 को पुलिस अधीक्षक को डाक से भी सूचित किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ऐसी स्थिति में समस्त विपक्षीगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए किसी कराया जाना न्याय संगत है।

आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र के समर्थन में पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को प्रेषित प्रार्थना पत्र की प्रति रजिस्ट्री रसीद, डाक विभाग ट्रैकिंग रिपोर्ट, संतोष पटेल एड० द्वारा एस.पी. को भेजे गये पत्र की छायाप्रति, नकल मु०अ०सं०-337/ 2020 की प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति, नकल आरोप पत्र की छायाप्रति, मकल मु०अ०सं०-337/ 2020, राज्य बनाम विनोद आदि धारा-379,411 भा००सं० 3/57/ 70 3०ए० उप खनिज परिहार नियमावली व 4/ 21 खान एवं खनिज अधिनियम, थाना-राबर्टसगंज सोनभद्र में साक्षी रामराजीयन दूबे की बयान की छायाप्रति, खनन विभाग की छायाप्रति, डी.एफ.ओ. रेनुकूट का पत्र की छााप्रति, अभिवहन शुल्क की प्राप्ति रसीद, एम.एम.- 11 की छायाप्रतियां दाखिल की गयी हैं। थाना की आख्या के अनुसार प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना के बावत् कोई अभियोग थाना हाजा में पंजीकृत नहीं है। थानाध्यक्ष राबर्टसगंज की जांच आख्या पत्रावली में संलग्न है।

जब पूरा देश कोविड-19 की चेपट में था तहसील क्षेत्र दुद्धी के बधाडू वन रेंज में स्थित नगवां बालू मोरंम खनन साइट प्रा० सतीश कु‌मार उपाध्याय की फर्म मे० अमन एसोसिएट्स के नाम से संचालित थी वहां पर वह अपना वाहन भेजता था। इसी बीच लीज होल्डर एवं उनके कर्मियों द्वारा अपराध करने की मंशा से कुछ फर्जी व कूटरचित एम.एम.-11 व उसके सापेक्ष जी.एस.टी. बिल जारी किया जाने लगा जिसकी चपेट में वह भी आ गया। इस फर्जीवाडे की जानकारी तब हुई जब उसका वाहन लोढी टोल प्लाजा स्थित खनन बैरियर पर खनन कर्मियों द्वारा फर्जी व कूटरचित एम.एम.-11 के कारण एक मई को रोक लिया गया। उसने मौके पर पहुंचकर बताया कि उक्त एम.एम. 11 लीजधारक द्वारा ही जारी किया गया है तो खनन कर्मियों ने लीज धारक व उनके लोगों को बुलाकर सारी सच्चाई जानने के बाद उसको आश्वास्त किया कि आप परेशान न हो, वह लोग आपस में मिलकर सब मामला हल कर लेंगे। सात मई को उसके वाहन के खिलाफ मु0अ0सं0-337 / 2020, थाना कोतवाली राबर्टसगंज में दर्ज कर लिया गया। इसके बाद वह विवेचक सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात बताता रहा कि वह पूरी तरह से बेगुनाह है और उसको गलत तरीके से खनन कर्मियों व लीज धारक की मिलीभगत से फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है। थाने से प्राप्त प्रारम्भिक जॉच आख्या में भी मामला संदिग्ध पाते हुए जांच करने की आवश्यकता बतायी गयी है। प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना से मामले में संज्ञेय अपराध के तथ्य प्रकट होते हैं। जिसकी पुलिस से विवेचना कराये जाने पर ही मामले की सत्यता सामने आ सकती है। तद्‌नुसार आवेदक का प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।

अधिवक्त संतोष पटेल ने बताया कि सारी बातों को सुनने और स्वयं विवेचना कराने के बाद सीजेएम न्यायालय ने थानाध्यक्ष राबर्टसगंज को आदेशित किया है कि पीड़ित शिव दधीच सिंह के प्रार्थना पत्र  में उल्लिखित घटना के बावत उचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर विधिनुसार विवेचना करें अथवा करावें।

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