पैललैब व विद्या शक्ति केन्द्र का सीडीओ ने किया शुभारम्भ

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अमित मिश्रा

सोनभद्र। जनपद में नीति आयोग द्वारा अधिगम स्तर सुधार हेतु संचालित पैललैब का द्वितीय सत्र और विद्या शक्ति केंद्र का जनपद में एक साथ सभी विद्यालयों में शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार द्वारा कंपोजिट विद्यालय मुसही में किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने योजना का लाभ लें रहे कक्षा 3 से 8 तक के छात्रों से वार्ता कर स्थिति को परखा।

उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि समय सारणी के साथ शिक्षण और पैललैब में छात्रों को उनकी अधिगम क्षमता के अनुसार पुनरावृत्ति, उपचारात्मक शिक्षण एवम मूल्यांकन अपेक्षित अधिगम स्तर को प्राप्त किया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भाषा, गणित और विज्ञान को रोचक तरीके से पढ़ाने के लिए आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर वी. कामाकोटी द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट विद्या शक्ति को भी जनपद में स्थापित स्मार्ट क्लासों में चलाया जाएगा।

बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनन्द पाण्डेय ने बताया कि कक्षा 1 और 2 के लिए शिव नाडर फाउन्डेशन द्वारा शिक्षा इनेशिएटिव अन्तर्गत भाषा और गणित हेतु डिजिटल अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराया गया है जो छात्रों के बुनियादी भाषा और संख्या को सुदृढ़ करने में मदद कर रहा है।

इस कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी राबर्ट्सगंज धनंजय सिंह, एआरपी हृदेश सिंह,  जिला कार्यक्रम सहयोगी, नीति आयोग के फरदीन अहमद, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु तिवारी,  कार्यक्रम सहयोगी प्रशांत चतुर्वेदी,  पैललैब टीम, जिला समन्वयक शिव नाडर फाउंडेशन विपिन शुक्ला, प्रधानाध्यापक और शिक्षक मौजूद रहे और सभी ने मिलकर  जनपद को निपुण बनाने की प्रतिज्ञा ली।

मुख्य विकास अधिकारी ने विद्यालयी परिवेश के बाहर सामुदायिक सहभागिता के माध्यम भी निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपस्थित अभिभावकों, विद्यालय प्रबंध समिति और प्रधान का आह्वान किया।


इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने कंपोजिट विद्यालय मुसही के छात्रों से विभिन्न स्तर के प्रश्न पूछकर उनके अधिगम स्तर को परख रहे थे। उन्होंने कक्षा 5 के छात्रों से सामूहिक रूप से प्रश्न किया कि सप्ताह में कितने दिन होते हैं तो सभी ने सही जवाब दिया। उन्होंने पूछा कि एक महीने में कितने सप्ताह होते हैं तो एक छात्र ने तपाक से सही उत्तर दिया, तब उन्होंने उसी छात्र से पूछा कि क्या तुम बता सकते हो कि एक साल में कितने सप्ताह होते हैं, छात्र ने इधर उधर देखा और कक्षा में लगे हुए स्मार्ट बोर्ड की ओर चला गया, लोग भौचक्के रह गए कि ये क्या कर रहा है। उसने स्मार्ट बोर्ड को बड़े ही आत्मविश्वास से ऑन किया और प्रश्न को हल करते हुए सही उत्तर बता दिया।

मुख्य विकास अधिकारी ने उसे अपने पास बुलाया और उसकी पीठ थप थपाते हुए उसका नाम पूछा, उसने बताया  सर मेरा नाम अंश है। मुख्य विकास अधिकारी ने अपनी गाड़ी से बिस्किट का पैकेट मंगाया और उसे दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल शिक्षण प्रणाली की उपयोगिता को इस छात्र ने सार्थक किया है। आकांक्षी जनपद में परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास को प्रारंभ करने का निर्णय सार्थक साबित हो रहा है।

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