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जंगली जानवर की दहशत से जूझ रहे ग्रामीणों के लिए वन विभाग ने पिजड़ा और कैमरे लगाकर जानवर को पकड़ने की कर रहा है प्रयास

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कौस्तुम केसरी”लकी”

चंदौली (उत्तर प्रदेश)। चकिया तहसील क्षेत्र के दाउदपुर, डकहीं और कुसही गांव में जंगली जानवर के आतंक से ग्रामीण दहशत में है। गुरुवार की सुबह जंगली जानवर के हमले में 6 लोग घायल हो गए थे। जिनमे चार लोगों का इलाज चकिया स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में अभी चल रहा है।

जिसमें 70 वर्षीय जमुनी देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की जानकारी के बाद वन विभाग की टीम लगातार जंगली जानवर की तलाश में जुट गयी है। जिसके लेकर गांव के बहार जंगल क्षेत्र के समीप पिजड़ा भी लगाया गया है। जंगली जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग की कई टीम इलाके में लगाई गयी है।
आपको बता दे जैसे ही वन विभाग को जंगली जानवर के गांव में आने की जैसे ही सूचना हुई। तत्काल वन विभाग हरकत में आया और चकिया तहसील क्षेत्र के दाउदपुर, डकहीं और कुसहीं गांव में वन विभाग की टीम तत्काल पहुंच गई।

चंद्रप्रभा रेंज में आने वाले इन तीनों गांव में चंद्रप्रभा रेंज के रेंजर योगेश सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने प्रभावित गांव का भ्रमण किया। ग्रामीणों से बात की और पूरे मामले की जानकारी ली।
जानने का प्रयास किया गया कि क्या कोई उस जंगली जानवर को देख पाया है। वन विभाग की टीम ने जंगली जानवर को देखते हुए तीनो गांव के लोगों को सचेत किया और उन्हें ताकीद की है कि रात में अकेले कही ना जाए। छोटे बच्चों को अपने घर में रखें। छोटे बच्चों के साथ बाहर न सोए। अपने छोटे पालतू जानवरों को घर के अंदर या बड़े के अंदर रखें। इस बीच एक लोहे का पिंजरा मंगवा कर डकही गांव के पास पहाड़ की तलहटी तलाश में वन विभाग ने लगा दिया है।
जंगली जानवर को लालच देने के लिए पिजड़े में मुर्गों को बंद दिया गया है। वन विभाग की टीम ने डकही, दाउदपुर और कुसहीं गांव में विभिन्न जगहों पर आधा दर्जन सेंसर कैमरे लगाए हैं। ताकि कोई जंगली जानवर हो अगर इस क्षेत्र से गुजरे तो तस्वीर कमरे में कैद हो जाए है। जिससे पहचान हो सके कि आखिर जंगली जानवर कौन है। जिसने ग्रामीणों पर हमला किया था। हालांकि ग्रामीण काफी दहशत में है। उनको इस बात की चिंता सता रही है कि उनके मवेशी बाहर खुले में बंधे रहते हैं और मिट्टी के कच्चे मकान है।
अगर कोई खूंखार जंगली जानवर आया तो उनकी रक्षा कैसे हो पाएगी। बावजूद इसके वन विभाग ग्रामीणों को समझाने में जुटा है और उन्हें विश्वास दिला रहा है कि विभाग उनके साथ है। अगर कोई जंगली जानवर गांव की तरफ आता है तो उसको पकड़ लिया जाएगा। अंधेरा होते ही वन विभाग की टीम ने गांव के पास जंगल में सर्च अभियान भी चलाया। ताकि जंगली जानवर को ढूंढा जा सके और ग्रामीणों में भरोसा पैदा किया जा सके।
वहीं जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम चकिया दिव्या ओझा गुरुवार की देर शाम प्रभावित गांव दाउदपुर, डकही और कुसही गांव पहुंची। एसडीएम ने ग्रामीणों और घायल के परिजनों से भी बात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान एसडीएम चकिया दिव्या ओझा ने चकिया तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाके के लोगो से अपील कि वह रात में अकेले कहीं ना जाए। अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर के अंदर रखें सतर्क रहे। अगर कोई चीज अप्रिय लगे तो तत्काल तहसील प्रशासन और वन विभाग को सूचित करें।
वही रेंजर चंद्रप्रभा योगेश सिंह ने बताया कि वन विभाग की तीन टीम पूरी मुस्तैदी से लगी हुई और रात भर वन विभाग की टीम तीनों गांव में गस्त कर रही है। साथ ही गांव के पास पिंजरा लगाया गया और सेंसर वाले कैमरे भी लगाए गए हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि जंगली जानवर अगर इस तरफ आता है तो उसको पकड़ लिया जाए। हम ग्रामीणों से अपील करते हैं कि वह डरे नहीं सतर्क रहें अपने घरों में रहे। अगर उन्हें कुछ पता चले तो तत्काल वन विभाग को जरूर बताएं।

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