पंकज कुमार
कन्नौज। जिले में आज नवाब सिंह यादव रेप कांड मामले में सुनवाई होनी थी, जिसमें नवाब सिंह यादव की सहयोगी अभियुक्ता पूजा तोमर की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन पुलिस प्रपत्र पूरे न हो पाने के कारण आज किसी भी तरह से कोर्ट में सुनवाई नही हो सकी है। जिससे अदालत ने इस मामले में अग्रिम तारीख बढ़ाकर 7 सितम्बर कर दी है। अब अभियुक्ता बुआ की जमानत प्रार्थनापत्र पर अग्रिम सुनवाई दो दिन बाद की जायेगी।
आपको बताते चलें कि नवाब सिंह रेप कांड में सहयोगी बनी बुआ को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद बुआ के अधिवक्ता ने कोर्ट में जमानत प्रार्थनापत्र डाला था, जिसपर आज सुनवाई होना था, लेकिन इस मामले में कोर्ट ने आगे तारीख बढ़ाकर 7 सितंबर कर दिया है। जिसको लेकर शासकीय अधिवक्ता नवीन चन्द्र दुबे ने बताया कि जमानत प्रार्थनापत्र पर अभी सुनवाई नही हुई है। आज पुलिस प्रपत्र और थाने की आख्या नही आ पाई थी। जिस कारण सुनवाई के लिए अभियोजन ने समय चाहा था और दो दिन का न्यायालय ने समय दिया है, दो दिन बाद उसमें सुनवाई के लिए 7 तारीख नीयत की है, 7 तारीख को उसमें सुनवाई होगी।
पुलिस फर्जी साक्ष्य बनाकर उनके खिलाफ कर रही है तैयार : आरोपी बुआ के अधिवक्ता भूपेन्द्र तोमर ने बताया कि पूर्व में हमने जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्ता पूजा तोमर को लेकर दिया था। उसमें आज की तारीख में सुनवाई होना था लेकिन पुलिस की तरफ से स्टेटमेंट दिया गया कि हमारे पास केस डायरी अभी कम्पलीट नही है, उनको समय चाहिए, हकीकत तो यह है कि उनके पास अभियुक्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य ही नही है। अब पुलिस फर्जी साक्ष्य बनाकर उनके खिलाफ तैयार कर रही है। इसीलिए वह अपना समय चाहे है। उसके बाद इसी मुकदमें में अभियुक्त नवाब सिंह के भाई नीलू यादव ने भी आत्मसमर्पण किया है वह जेल गये है तो उनका पीसीआर और अभियुक्ता पूजा तोमर का पीसीआर लेने के लिए 4 सितम्बर को एक प्रार्थनापत्र न्यायालय में दिया गया था उसमें भी आज सुनवाई होना था।
यह है कि बहस होने के दौरान आईओ ने जो प्रार्थनापत्र दिया था वह लेेने योग्य नही था क्यों वह किसी पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अग्रसारित नही था। अदालत ने उसकी कमियों को देखा तो उसको डिस्पोज आॅफ कर दिया है और आईओ को डायरेक्शन दिया कि वह एक नये तरीके से अगर उनको पीसीआर चाहिए तो पेश करें। अगर वह पेश करते है तो अग्रिम जो सुनवाई होगी उससे आपको हम अवगत करायेंगे।