सरकार तुष्टिकरण की नीति पर चलना शुरू किया तो डॉ0 मुखर्जी ने कैबिनेट से इस्तीफा : अजित रावत

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

निष्ठावान राष्ट्रवादी थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी’, अजीत रावत

0 रावटसगंज नगर स्थित आर एस एम इंटर कॉलेज में आयोजित हुई गोष्ठी

सोनभद्र। रावटसगंज नगर स्थित आर एस एम इंटर कॉलेज परिसर में रविवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक प्रखर राष्ट्रवादी महान शिक्षा विद डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि पर पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक मिश्रा व सदर ब्लाक प्रमुख अजीत रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवन पर डाला प्रकाश।
अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष व
सदर ब्लाक प्रमुख अजीत रावत ने बताया कि डॉ0 श्याम प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल के विभाजन के समय हिंदू बहुल क्षेत्रों को भारत में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे देश के लिए डॉ मुखर्जी की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। उनके विचार आज भी भारतीय जनता पार्टी और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों में प्रतिबिंबित होते हैं।
श्री रावत के बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया है और एक लेख लिखा है। उन्होंने अपने लेख में कहा, ‘डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भारतीय राजनीति और समाज में उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण और समय से आगे की सोच के लिए जाना जाता है। उनके जीवन और कार्यों ने दिखाया कि वे न केवल अपने समय के मुद्दों को समझते थे, बल्कि भविष्य की चुनौतियों और अवसरों का भी गहरा ज्ञान रखते थे.’।
वहीं भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक मिश्रा ने कार्यकर्ताओं को बताते हुए कहा कि उन्होंने कहा, ‘देश और समाज के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कितना नुकसान पहुंचा सकती है, इसको हमारे कई दार्शनिक समाजसेवियों ने दशकों पहले समझ लिया था, एक देश और एक विधान का मंत्र देने वाले डॉ0 श्याम प्रसाद मुखर्जी ने इसके लिए मिसाल पेश की, स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर चलना शुरू किया तो डॉ0 मुखर्जी ने कैबिनेट से इस्तीफा देकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की। आज केंद्र में भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों में देश की बागडोर है। इसके पीछे डॉ0 मुखर्जी की ही नीति और सोच है। आज उनका बलिदान दिवस है। हम और आप उन्हें अपने अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
वही श्री मिश्रा ने बताया कि हमें पता है कि आजादी मिलने के बाद बनी पहली केंद्र सरकार से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मतभेद देखने को मिले थे, जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने भारत के संविधान में जबरन अनुच्छेद 370 जोड़कर देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया था. अखंड भारत के समर्थक डॉ. मुखर्जी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति का विरोध किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत माता के महान सपूत थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया। इस मौके पर भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री विनय श्रीवास्तव, राजा पांडेय,पूर्व सभासद राजन गुप्ता ,अजय कुमार ,आशीष केसरी, अजय रावत ,अखिलेश कश्यप, सुखराम भारती, अजय भारती सहित आदि लोग मौजूद रहे।

Leave a Comment

424
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?

आप हर छोटी बड़ी खबर देखने के लिए हमारी News website / News portal. www.newsexpressbharat.in और youtube @newsexpressbharat1 चैनल को सब्सक्राइब" करें, लाइक" करें, शेयर" करें, खबरों के लिए संपर्क करें।