अमित मिश्रा
सोनभद्र। विश्व पर्यटन दिवस पर गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे के अध्यक्षता में कार्यालय पर किया गया । संगोष्ठी में जिले के प्रबुद्ध, लेखक, इतिहासकार, शिक्षक, अधिवक्ता एवं प्रकृति प्रेमी उपस्थित होकर सोनभद्र के पर्यटन विकास हेतु अपने-अपने विचार व्यक्त कर सुझाव दिया।
संगोष्टी में मुख्य अतिथि साहित्यकार ओम प्रकाश त्रिपाठी ने गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सोनभद्र आने वाले समय में पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा और यहां के युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा।
संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व शिक्षक लेखक कवि पारसनाथ मिश्र ने कहा कि गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट में जिस प्रकार से सोनभद्र के प्रमुख पर्यटन एवं सांस्कृतिक स्थलों को चिन्हित किया है। आज तक मैं स्वयं भी इन स्थलों के बारे में नहीं जान पाया गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट का यह प्रयास बहुत ही काबिले तारीफ है एवं उनके अभियान में हमारा पूरा सहयोग एवं मार्गदर्शन सदैव रहेगा ।
गोष्टी को संबोधित करते हुए जनपद के वरिष्ठ इतिहासकार दीपक केशरवानी ने बताया कि सोनभद्र गुफा चित्र जो हजारों वर्ष पुराने हैं उनका संरक्षण एवं संवर्धन कर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है जिससे सोनभद्र पर्यटन का विकास होगा।
संगोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता समाजसेवी राकेश शरण मिश्रा ने कहा कि सोनभद्र के प्रमुख स्थलों व बाहरी पर्यटकों के सुख सुविधा एवं सुरक्षा की व्यवस्था शासन स्तर से हो जाने पर यहां भारी मात्रा में बाहरी पर्यटक आकर्षित होकर आएंगे जिससे यहां के लोगों को रोजगार और पर्यटन विकास होगा।
संगोष्टी को संबोधित करते हुए अश्वनी सिंह ने कहा कि सोनभद्र को एक पर्यटन के रूप में विकसित करने की अपार संभावना है एवं जन जागरण कर उन सभी स्थलों को संरक्षित करना गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के साथ हम सब की जिम्मेदारी है।
संगोष्टी को गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संपादकीय प्रमुख धर्मेंद्र कुमार राजू पांडे ,शिक्षक एवं लेखक बीके महादेव, युटुबर हेमंत मोहन ,डा रूबी गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार रखते हुए सोनभद्र पर्यटन विकास की संभावनाओं के बारे में सुझाव दिए।
बैठक में राजू चौबे, राकेश देव पांडे , अजय गुप्ता, दिनेश सिंह ,राकेश राय, विकास दुबे सहित जनपद के प्रसिद्ध प्रेमी एवं गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के सदस्य गण उपस्थित रहे । गोष्ठी का संचालन राजेश अग्रहरी ने किया।