वारावफात पर निकाला जुलूस

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रिपोर्टर वीरेंद्र कुमार

विंढमगंज (सोनभद्र) । स्थानीय थाना क्षेत्र के अंतर्गत रांची रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जामा मस्जिद से आज बारह वफात के पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा झंडा व ध्वनि विस्तारक यंत्र पर एक कतारबद्ध तरीके से रैली निकाली गई जिसमें मोहम्मद पैगंबर की याद में तरह-तरह के नारे लगाए जा रहे थे।

यह रैली जामा मस्जिद से होते हुए थाने तक तथा शहर के विभिन्न मार्ग से भ्रमण करते हुए जमा मस्जिद तक जाकर समाप्त हुई। मौलाना रुस्तम ने कहा कि यह पैगंबर मुहम्मद की वफात (मृत्यु) की बरसी को चिह्नित करता है श्रद्धा के साथ मनाया जाता है इसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन बारा वफात विशेष रूप से पैगंबर की वफात की याद के लिए मनाया जाता है। हम इस दिन के ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक प्रथाओं और इसके आध्यात्मिक प्रभाव पर भी ध्यान देंगे।बारा वफात इस्लामिक महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को पैगंबर मुहम्मद की वफात को चिह्नित करता है। “बारा” का अर्थ बारह होता है, और “वफात” का अर्थ मृत्यु होता है, जो पैगंबर की वफात को दर्शाता है। यह दिन केवल शोक का नहीं, बल्कि पैगंबर की शिक्षाओं और विरासत को याद करने का भी है।ऐतिहासिक रूप से, यह माना जाता है कि पैगंबर इस दिन 632 ई. में दुनिया से रुख़्सत हुए थे। इस अवसर का उपयोग उनकी शिक्षाओं को सम्मानित करने और उन मूल्यों को याद करने के लिए करते हैं जो उन्होंने इस्लाम में प्रवर्तित किए थे। इस मौके पर अंजुमन इस्लामिया कमेटी के सदर सुहेल खान उर्फ नन्हे खान इम्तियाज अहमद मुजीब खान डब्लू खान मनान अहमद एनुअल सिद्दीकी परवेज अहमद जावेद अहमद नसीम नईम शाहरुख खान बड़े खान वसीम मुर्तुजा मनऊअर सहित सैकड़ो की तादाद में लोगों भाग लिया। स्थानीय पुलिस जलूस के साथ-साथ मौजूद रही।

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