विष्णु अग्रहरि
बभनी (सोनभद्र)। आदिवासियों एवं वनवासियों के जीवन सुधार क्रांति की धुरी बन रही सेवाकुंज आश्रम पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन गुरुवार को दस आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कीट वितरण करते हुए बताया कि क्षेत्र के दो सौ आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह कीट उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें बच्चों के खेलने,बैठने का भरपूर ख्याल रखा गया है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने मंच पर ही एक कीट साथ लेकर आई थी। जिसमें कंघी, आईना, शर्ट में लगने वाले बटन, सुई,धागा सहित फर्स्ट एड का सामान था। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बारीकी से समझाते हुए बताया कि केंद्र पर आने वाले बच्चे भगवान का रूप होते है। जब किसी बच्चे की बटन टूट जाए,तो उसे आप स्वयं लगा दे। उन्हें अच्छे से बाल संवारने,चेहरा साफ रखने के लिए प्रेरित करें बच्चा साफ सुथरा रहेगा तो उसकी मां भी आपको आशीर्वाद देगी।उन्होंने जिलाधिकारी बी एन सिंह को जनपद के हर आंगनबाड़ी केंद्र पर यह कीट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
दर्जनों वनवासियों को दिया वनाधिकार का पट्टा, खिले चेहरे
महामहिम राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने दशकों से वनभूमि पर आबाद रहते हुए वनकर्मियों के शोषण के शिकार हो रहे दर्जनों वनवासियों को उनकी कब्जे वाली भूमि का वनाधिकार पत्र सौप उन्हें उसका मालिक बना दिया। इस कड़ी में उन्होंने बभनी क्षेत्र के सतबहनी की धनपतिया, रग्घू सिंह, फुलेसरी देवी, कलावती, राजकुमारी, राजबली, रॉबर्ट्सगंज के चौरा गांव के नारायण, पानमति, दामोदर, अवधेश, अनंत लाल शामिल रहे। पट्टे का प्रमाण पत्र पाने के बाद लाभार्थियों के चेहरे पर खुशी की चमक झलक रही थी। चौरा के दामोदर, अवधेश ने कहा कि कई पीढि़यों से वह जिस भूमि पर रहते आ रहे थे, उस पर उनका कोई अधिकार नहीं था। आए दिन वन विभाग के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता था। अब उन्हें किसी का भय नहीं रहेगा। वर्षों से इस दिन का इंतजार था।
नृत्य-संगीत के जरिये बच्चों ने महामहिम को मोहा
सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम कारीडाढ़ में सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का राष्ट्रगान के साथ स्वागत के पश्चात बनवासी बच्चों ने डोमकच नृत्य, कर्मा नृत्य,झूमर गीत की प्रस्तुति कर उनका मन मोह लिया।
बच्चों, युवाओं, छात्रों को स्वछंद माहौल की करे व्यवस्था, मदद ले निजी औद्योगिक संस्थाओं से
वनवासी बच्चों के नृत्य और गीत से उत्साहित राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए उन्हें बाहर घूमने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें घुमाने के लिए विद्यालय किसी भी औद्योगिक इकाई से बस आदि की मदद ले सकते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2030 तक पचास प्रतिशत युवा कालेज में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला ले। इसके लिए सभी को क्रमबद्ध तरीके से पहले आंगनबाड़ी फिर प्राथमिक शिक्षा फिर उच्च शिक्षा की तरफ बढ़ना होगा। मौजूदा दौर में महज छब्बीस प्रतिशत ही युवा कालेज में दाखिला ले रहे है। छ साल में इस दर को दुना करना होगा तब जाकर देश आगे बढ़ पाएगा।
अनुशासन के लिए पुलिस अधीक्षक पचास विद्यार्थियों को शिक्षा दिलाने का करे प्रबंध
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने एस पी सी तालीम,बैंड,फ्लावर शो,के माध्यम से छात्रों युवाओं में शिक्षा देने का अनुरोध किया ।सामने बैठे पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा से कहा कि आप एसपीसी तालीम के तहत पचास छात्र छात्राओं को शिक्षा दिलाए। जिससे छात्रों में डिसिप्लिन बढ़ेगी राज्यपाल ने कहा कि मार्च अप्रैल में कभी आकर मै स्वयं निरीक्षण भी करूंगी। इस व्यवस्था को लागू करने में कोई अड़चन आए तो राजभवन में आकर देख समझ सकते है।
आनन्द जी ने महामहिम के वन पर्यावरण मंत्री के ऐतेहासिक कार्य का दिलाया याद
सेवा समर्पण संस्थान के प्रदेश सह संगठन मंत्री आनंद जी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जब गुजरात में नरेंद्र मोदी के सरकार में वन पर्यावरण मंत्री थी, तब इन्होंने गुजरात में एक लाख निवासियों को पट्टा वितरण कर रिकॉर्ड बनाया था।कहा कि 15388 अनुसूचित जनजाति के पंजीकृत किसानों को खतौनी का प्रमाणपत्र वितरण होने से यहां भी अन्नदाता किसान समृद्ध होगा। उसके साथ ही प्रदेश सह संगठन मंत्री ने राज्यपाल से प्रदेश में पहला जनजाति विश्वविद्यालय सोनभद्र में खोलने की मांग की । सभा को समाज कल्याण मंत्री संजीव गौड़ ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार, पूर्व राज्य सभा सांसद राम सकल, सेवा कुंज आश्रम के अध्यक्ष राम पाठक, केंद्र प्रमुख कृष्ण गोपाल जिलाधिकारी बी एन सिंह श्रवण सिंह उपस्थित थे।