संवाददाता कौस्तुम केशरी “लकी”
नौगढ़ (चंदौली) । नौगढ़ के दुर्गा मंदिर पोखरा पर आयोजित संगीतमय रामकथा के सातवें दिन भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर बृहस्पतिवार को सीता विदाई, राम वनवास, और राम-केवट संवाद की कथा सुनाई गई।
वाराणसी काशी से आईं मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने मां की महिमा का गुणगान करते हुए एक भावनात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा, “मां में सृजन की शक्ति है, पर विनाश की नहीं। वह अपने बच्चों के लिए राक्षसों का संघार करती है। मां का हृदय ममत्व, करुणा और संवेदना से भरा होता है। घर में बैठी मां देवी का स्वरूप है।”
शालिनी त्रिपाठी ने मां की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि मां ही बच्चों को जीवन की सही दिशा दिखाती है और उनकी भावनाओं को समझती है। उन्होंने कहा कि मां की ममता और प्यार के बिना जीवन अधूरा है।
राम-केवट संवाद के प्रसंग ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा सुनाते हुए शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि “भगवान राम मानव रूप में अवतरित होकर मर्यादा स्थापित करने आए थे”।
कथा के अनुसार, पिता की आज्ञा मानते हुए जब राम वन जाने के लिए गंगा घाट पहुंचे, तो उन्होंने केवट से नाव लाने को कहा। पर केवट ने पहले राम के चरण पखारने की शर्त रखी। बिना चरण पखारने के वह राम को नाव में बैठाने को तैयार नहीं था।
कथा के दौरान भावुक श्रोताओं ने भगवान राम की भक्ति में खो गए। संगीतमय रामकथा के माध्यम से भगवान राम की जीवन यात्रा को दर्शाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्य यजमान पवन एग्री क्लीनिक नौगढ़ के पवन केशरी , व्यापार मंडल अध्यक्ष सूरज केसरी, और गनेरा एग्रो फॉर्मर प्रड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के डायरेक्टर पवन केसरी, सूरज केसरी, लकी केसरी की तरफ से राम कथा में सुनने वाले और दुर्गा पूजा में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया।