चकबन्दी लेखपाल और कानूनगो की दबंगई, खेत मे खड़ी फसल पर करा दिया मेड़बन्दी, किसानो ने किया विरोध

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आरबी द्विवेदी

गांव के दंबग लोगो से मिलकर जबरिया किया मेड़बन्दी

एटा। सूबे के मुख्यमंत्री किसी भी अधिकारी की शिकायत करने पर प्रमाण पत्र मांग रहे है तो वही जनपद में चकबन्दी लेखपाल और कानूनगो की दबंगई सामने आई है। चकबन्दी लेखपाल और कानूनगो गांव के दबंग लोगों से मिलकर गरीब पीड़ित किसान की मतरूक जमीन की कीमत लगा कर जबरन खड़ी फसल को जुतबाकर नष्ट कराया। चकबन्दी लेखपाल और क़ानूनगो के उत्पीड़न से आधा दर्जन से ज्यादा गरीब किसान परेशान है। पीड़ितों ने कानूनगो और लेखपाल की उच्चाधिकारियों से शिकायत किया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। इंक उत्पीड़न के चलते पीड़ित किसान गांव से पलायन कर सकते है, पीड़ित किसानों ने आरोपित लेखपाल और कानूनगो पर मुख्यमंत्री से कार्यवाही करने की मांग किया है।

वही पूरा मामला जनपद की जहां योगी सरकार में तहसील क्षेत्र के गांव गोपालपुर में चकबन्दी लेखपाल एवं कानूनगो की दबंगई और भ्रष्टाचार से किसान काफी परेशान हैं। चकबंदी लेखपाल व चकबंदी कानूनगो द्वारा गरीब, असहाय किसानों के अच्छे चको को नियमविरुद्ध कर दबंग किसानों से मोटी रकम लेकर दिये जाने की बात कही जा रही है। वही पीड़ित किसानों द्वारा विरोध करने पर लेखपाल एससी/एसटी एक्ट में झूठे मुकद्दमे दर्ज करा दिये जाने तथा गाटा को मतरूक कर किसानो के खेतों में खड़ी फसलों को गुण्डई के बल पर जबरन जुतबा दिए जाने जैसी अनेक उत्पीडनात्मक धमकी दी है।

वही किसानों की शिकायतो के बाबजूद भी शासन- प्रशासन से किसानों को अभी तक कोई न्याय नही मिला है जबकि चकबन्दी लेखपाल व कानूनगो के उत्पीड़न से आहत किसान अपने गांव से कभी भी पलायन कर सकते हैं।

तहसील जलेसर क्षेत्र के गांव गोपालपुर निवासी गरीब किसान गोकुल सिंह ने बताया कि आज चकबंदी लेखपाल जयबीर ने अपनी गुंडई के बल जबरन खेत मे खड़ी फसल को नष्ट कराकर उसमें मेंड डलवा दी है, जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है,पीड़ित किसान के अनुसार ग्रामसभा गोपालपुर के गाटा संख्या 736 में उसका पुराना चक है, जिसे चकबन्दी लेखपाल द्वारा पहले तो मतरूक कर दिया गया और उसका चक गाटा 736 की जगह 737 में बना दिया गया है जबकि गाटा संख्या 737 में पहले से ही अन्य किसानो के चक बना दिये गये है, उसमें नये चक हेतु कोई जमीन ही नही बची है, वही चकबन्दी लेखपाल द्वारा चकबन्दी नियमो को ताक पर रखकर कर मतरूक की गई जमीन की कीमत भी लगा दी गयी है, जबकि नियमानुसार गाटा के मतरुक हो जाने पर उसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती है जब पीड़ित किसान द्वारा शिकायत की गई तो चकबन्दी लेखपाल ने किसान को कानूनगो द्वारा उसके बिरुद्ध एससीएसटी एवं कार्य मे बाधा कस झूठा मुक़द्दमा लिखबाये जाने की धमकी दी है।

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