अमित मिश्रा
जीवन बीमा, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर लग रहे जीएसटी की वापसी की किया मांग
सोनभद्र।भारतीय जीवन बीमा निगम अखिल भारतीय कर्मचारी संघ शाखा का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद छोटेलाल सिंह खरवार से मिलकर जीवन बीमा तथा स्वास्थ्य बीमा पर एनडीए सरकार द्वारा लगाये गए जीएसटी को वापस करने की मांग किया।
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि जीवन बीमा तथा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होना जीवन की अनिश्चिताओं पर कर लगाने के समान है। इसी तरह चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने से स्वास्थ्य बीमा धारकों में स्वास्थ्य बीमा के प्रति अरुचि बढ़ती जा रही है। प्रतिनिधि ने बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली 17 वीं लोकसभा की बजट पर संसदीय स्थाई समिति ने सिफारिश किया था कि बीमा उत्पादों विशेष रूप से स्वास्थ्य बीमा और टर्म बीमा पॉलिसी पर जीएसटी को तर्क संगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया था कि जनहित में जीवन बीमा एवं चिकित्सा बीमा पर जीएसटी वापस ले लिया जाये। जो अबतक वापस नहीं लिया जा सका है।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद को ज्ञापन सौंपकर जनहित में मामले को दोनों सदन में उठाकर बीमा प्रीमियम पर लग रहे जीएसटी को वापस कराने की मांग किया। साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने जनरल इंश्योरेंस कंपनी को चार भागों में विभाजन किए जाने को ग़लत बताते हुए एकीकरण करने की मांग भी किया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सांसद ने सदन में चर्चा का आश्वासन दिया।
इस मौके पर वाराणसी डिविजन इंश्योरेन्स इम्प्लॉइज एसोसिएशन यूनिट रावर्रटसगंज के अध्यक्ष प्रेम नाथ त्रिपाठी, जिला प्रभारी परमानंद सिंह तथा पूर्वांचल अभिकर्ता एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गिरीश पाण्डेय, रक्षा लाल मौजूद रहे।