अमित मिश्रा
दस सूत्रीय ज्ञापन डीआईओएस को सौपा
सोनभद्र। जिले में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय व कोचिंग संस्थान को बन्द कराने की मांग को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओ ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन कर दस सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक जयराम सिंह को दिया।
विभाग सह संयोजक सौरभ सिंह ने कहा कि जनपद में निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा का बाजारीकरण इस प्रकार से किया जा रहा है की वह अपने विद्यालय में ही किताबें व ड्रेस को खरीदने का दबाव अभिभावकों के ऊपर बनाते हैं जो की भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के विरुद्ध है। जनपद में सीबीएससी, आईसीएससी व यूपी बोर्ड के विद्यालयों द्वारा एक बार विद्यार्थियों के प्रवेश होने के पश्चात जब वह उत्तीर्ण होकर दूसरी कक्षा में प्रवेश लेता है तो सालाना फीस के नाम पर मनमानी तरीके से अभिभावकों से एडमिशन फीस एक मुश्त ली जाती है।
इसे लेकर प्रति वर्ष छात्रों से ली जाने वाली फीस पर रोक लगे व एक गाइडलाइन तैयार की जानी चाहिए की निजी विद्यालयों द्वारा जब किसी नए विद्यार्थी द्वारा विद्यालय में नया एडमिशन लिया जाए तब एडमिशन फीस का एक मानक तय किया जाए जिससे अभिभावकों के ऊपर अनावश्यक बोझ न पड़े।
जनपद में अधिकतम निजी विद्यालय निजी प्रकाशन की पुस्तक अपने विद्यालय में चला रहे हैं जो की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के विपरीत है इन विद्यालयों को चयनित करके इन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जनपद के ज्यादातर विद्यालय मे खेलकूद व प्रयोगशाला से सम्बंधित समुचित ना ही सामग्रियां है ना ही खेल मैदान व न ही खेल की सामग्रियां विद्यालय में उपस्थित है इसके बावजूद वार्षिक शुल्क में इसके नाम पर मोटी रकम अभिभावकों से वसूली जाती है जो की अभिभावकों पर एक बोझ के समान है। जनपद के विद्यालयों की बिल्डिंगों में आग से बचाव हेतु व्यवस्थाएं नहीं है साथ ही विद्यार्थियों को आग लगने से बचाव के तरीके भी उन्हें नहीं बताए जाते जो की किसी भी अप्रिय घटना के समय विद्यार्थियों को आहत कर सकती है।
निजी विद्यालयों में छात्रों को ला आने हेतु जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है उनकी हालत बेहद ही खस्ता है वह कम दूरी में छात्रों से अधिक वाहन शुल्क लिया जाता है वह या देखने को अक्सर मिलता है कि विद्यार्थी बस की संख्या से अधिक उसमें यात्रा करते हैं जो की बेहद ही शर्मनाक है वह प्राय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। प्राइवेट विद्यालयों द्वारा लाइब्रेरी शुल्क लिया जा रहा है लेकिन वहां किताबें पूर्ण रुप से नही है अतः आपसे आग्रह है कि विद्यालय की लाइब्रेरीयों की जांच करके दोषी विद्यालयों पर कार्यवाही की जाए।
जनपद में निजी विद्यालयों द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र वी ट्रांसफर सर्टिफिकेट के नाम पर विद्यार्थियों से मोटी रकम ली जाती है इसको लेकर प्रत्येक विद्यालयों में एक दिशा निर्देश लगाया जाए की इन सर्टिफिकेट के सापेक्ष में कितना शुल्क जमा करना है जिससे अभिभावकों के ऊपर किसी प्रकार का बोझ न पड़े। सीबीएससी बोर्ड के नियमों के अनुसार विद्यालय में 2 वे सीढ़ी होनी चाहिए लेकिन सीबीएससी बोर्ड के कोई भी विद्यालय इस मानक को पूर्ण नही करते है। जिले में संचालित हो रहे बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय व कोचिंग संस्थान को पूर्णतः बंद कराया जाए।
विद्यार्थी परिषद ने यह मांग किया कि जनपद स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों के दिशा निर्देशन में जांच कमेटी का गठन किया जाए जिसमें सामाजिक लोगों की भी सहभागिता हो व विद्यार्थी परिषद के भी दो प्रमुख कार्यकर्त्ता उस जांच कमेटी में सदस्य हूं जिससे विद्यार्थी भविष्य में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकें। अभाविप कार्यकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दिया की यदि एक सप्ताह के भीतर इन मांगों को लेकर किसी प्रकार की अगर कार्यवाही नहीं की जाती है तो विद्यार्थी परिषद छात्रों के अच्छे भविष्य के लिए उनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
इस दौरान विभाग सह संयोजक सौरभ सिंह पंकज, प्रांत जनजाति कार्य संयोजक मनमोहन निषाद, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राहुल जालान, ललितेश मिश्रा,शिखर सोनी, रंजीत पटेल,श्याम पाठक, अनमोल केशरी, विकास केशरी,श्याम गिरि , गुलाब, असलम
इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।