अमित मिश्रा
सोनभद्र। अटेवा पेंशन बचाओ मंच ने राष्ट्रीय आवाहन पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए जिलाध्यक्ष राजकुमार मौर्य के नेतृत्व में पेंशन आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। आक्रोश मार्च हाइडिल मैदान से प्रारंभ होकर महिला थाना, शीतला माता चौक, बढ़ौली चौराहा होते हुए पुनः हाइडिल मैदान पर आकर समाप्त हुआ। इसके पश्चात बाईक रैली द्वारा कलेक्ट्रेट पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
पुरानी पेंशन बहाली हेतु आयोजित आक्रोश मार्च में जनपद से प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्व माध्यमिक संघ, यूटा संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,टीएससिटी, महिला शिक्षक संघ, पंचायती राज ग्रामीण सफाई संघ, लेखपाल संघ, नर्सेज संघ, लैब टेक्नीशियन संघ, एनम संघ, उ0 प्र0 कर्मचारी महासभा, लोक निर्माण विभाग, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ सहित जिले के सभी संगठनो ने प्रतिभाग किया।
प्रदेश प्रभारी रंजना सिंह ने कहा कि आज से करीब 20 वर्ष पूर्व में सरकार ने (एनपीएस) नई पेंशन योजना की तारीफों के पुल बांधे थे और अब पुनः 20 वर्ष बाद एक बार फिर से (यूपीएस) यूनिफाइड पेंशन स्कीम को नए तरीके से पेश करके कर्मचारियों को गुमराह करने का कार्य कर रही है परंतु इस बार शिक्षक,कर्मचारी सरकार की बातों में नही आने वाला है।
रविभूषण सिंह और शिवम अग्रवाल ने बताया कि यूपीएस पेंशन योजना में जीपीएफ जैसी कोई व्यवस्था नही है। जहां पुरानी पेंशन व्यवस्था में 20 वर्ष की सेवा पूरी करने पर पेंशन की व्यवस्था थी वहीं यूपीएस में इसे 25 वर्ष कर दिया गया है , इसमें कर्मचारी को अपने वेतन का 10% देना होगा जबकि ओपीएस में कर्मचारियों का अंशदान शून्य था। अतः हमें पुरानी पेंशन उसी रूप में वापस चाहिए।
लेखपाल संघ अध्यक्ष सुबोध सिंह व राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह सरकार को किसान बिल वापस लेना पड़ा था उसी प्रकार एनपीएस और यूपीएस को भी वापस लेना पड़ेगा।क्योंकि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नही है।
योगेश पांडेय व संतोष कुमारी ने बताया कि यदि सरकार जल्दी ही कोई ठोस निर्णय नही लेती तो कर्मचारी पूरे परिवार के साथ वोट की चोट करेगा और सरकार को आने वाले चुनावों में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
अरुण सिंह कुशवाहा और रेखा सिंह व आरडी कौशल ने कहा कि अब सभी कर्मचारियों ने यह बात अच्छी तरह से समझ लिया है कि यूपीएस एनपीएस से भी ज्यादा खतरनाक है इसलिए हमें पुरानी पेंशन उसी रूप में ही वापस चाहिए और समस्त कर्मचारी इससे कम कुछ भी स्वीकार नही करेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने कहा कि सरकार जब गारंटीड पेंशन की हिमायती है तो उसे पुरानी पेंशन बहाल करने में क्या समस्या हो रही है,? जबकि शिक्षकों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के अलावा कुछ भी मंजूर नही है।
रवि प्रकाश सिंह मौर्य व कुंजलता त्रिपाठी और रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार एक ओर तो एक देश और एक विधान की बात करती है वहीं दूसरी ओर दोहरा चरित्र अपनाते हुए एक ही देश में तीन तरह की पेंशन लागू किए हुए है ये कहां तक उचित है।
इस मौके पर सूर्यप्रकाश सिंह,प्रवीण सिंह, महेश भारती, बृजेश सिंह,रन बहादुर, कमलेश यादव, सर्वेश तिवारी,विनोद, उमा सिंह, अजय कुशवाहा, बबिता सिंह, प्रभाशंकर,राममूर्ति,संतोष,बीएन सिंह, मनोज यादव,अरुण तिवारी,कुलदीप, रुद्र, देवेंद्र, संजय सिन्हा, गोपाल,शैलेंद्र, नंद किशोर,मनोज कुमार,अखिलेन्द्र प्रताप, राधेश्याम पाल, नवीन रॉय,यशपाल सिंह, अमिय,रमाकांत,.रवि, रण बहादुर,सुरेश कुशवाहा, राजेश कुमार,शमशेर सिंह, कृष्ण कुमार, अखिलेश गुंजन, सहित कई विभागों के शिक्षकों व कर्मचारियों सहित हजारों लोगों ने प्रतिभाग किया।