अमित मिश्रा
न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्ट परिसर में बैठे पीड़ित परिजन
सोनभद्र। जनपद के घोरावल तहसील क्षेत्र में वर्ष 2019 में हुए उभ्भा कांड के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन व पुलिस जमीनी विवाद को लेकर गम्भीर नही है। जिसका खामियाजा है कि आज कलेक्ट्रेट परिसर में पीड़ितों को आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।
वही पीड़ित कन्हेया प्रेम कुमार, राम ललित पुत्र स्व० सीताराम गुप्ता निवासी ग्राम गनेशपुर थाना कर्मा तहसील घोरावल
ने बताया कि उनकी भूमिधरी भूमि आराजी नम्बर 21 रकबा 2.780 हे टेडवा ग्राम में हैं जिसकी पक्की पेसाइश पत्थर गड्डी कब्जा की कार्यवाही उप जिलाधिकारी घोरावल आदेश दिनाक 30.5.2018 को पुष्ट करते हुए राजस्व निरीक्षक द्वारा मौके पर किया गया।
जिस पर पीड़ित पक्ष मौके पर काबिज हुआ धान की फसल बोया गया परंतु प्रतिवादींगण जो काफी सरहंग गुण्डा किस्म के व्यक्ति हैं उनका इस आराजी से कोई वास्ता सरोकार नहीं है फिर भी बोए गए फसल को जबर जस्ती नष्ट कर दिया।
अपर आयुक्त बिंध्याचल मण्डल के यहां बाद प्रस्तुत किया जो वाद अदम पेरवी में दिनाक 28.8.2023 को निरस्त कर दिया गया। उपजिलाधिकारी घोरावल थाना प्रभारी करमा से प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई। पुलिस बल उक्त प्रतिवादीगण के खिलाफ तहरीर दर्ज कर मुकदमा कायम किया गया परंतु आज तक पीड़ित को आराजी नम्बर 21मि पर कब्जा नहीं दिलाया गया। जिससे उसका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। खेती के अलावा जीवकोपर्जन का कोई साधन नहीं है।
मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसपर 25 जून को जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर आमरण अनशन करने हेतु 3 जुलाई को ज्ञापन सौंपा गया था जिसपर प्रतिवादीगण पर एंटी भू-माफिया के तहत मामला दर्ज कराने का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
3 जुलाई को आमरण अनशन शुरू करने हेतु जिलाधिकारी कार्यालय पर उपस्थित हुआ जिस पर आपके प्रतिनिधि द्वारा मौके पर पहुंच कर उप जिलाधिकारी घोरावल व क्षेत्राधिकारी घोरावल की संयुक्त टीम गठित कर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर पीड़ित द्वारा मांगो के साथ आज आमरण अनशन शुरू किया। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सासन प्रशासन की होगी।
जिला प्रशासन आराजी नम्बर 21 पेमाइशसुदा भूमि पर कब्जा दिलाया जाय। विपक्षियों पर उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए एंटी भू माफिया के तहत मामला दर्ज किया जाय। प्रतिवादीगण से कब्जित भूमि का प्रतिकर/वर्ष के साथ दिलाया जाय। विपक्षियों पर सरहंग गुण्डा किस्म के व्यक्ति हैं जिससे प्रार्थी गण को जान माल का खतरा है प्रार्थी गण को सुरचा प्रदान किया जाय। वही पीड़ितों ने अपनी उपरोक्त चार मागो के साथ अनिश्चित कालीन आमरण अनशन जिलाधिकारी कार्यालय पर पुनः शुरू किया है।