विमल
14 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा महाकुम्भ
प्रयागराज(उत्तर प्रदेश)। संगम नगरी में 12 वर्षो बाद महाकुम्भ मेला लगने वाला है,जिसकी तैयारियों प्रदेश सरकार जोर शोर से जुटी हुई है। महाकुंभ-2025 में आने वाले श्रद्धालुओं , यात्रियों व कल्पवासियों के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ एडवाइजरी जारी किया है,जिसमे बताया गया है कि महाकुम्भ का आयोजन 14 जनवरी से 26 फरवरी तक जनपद प्रयागराज में किया जा रहा है। महाकुम्भ मेला 2025 मोबाइल एप डाउनलोड करें और मेला की जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं कल्पवासियों हेतु स्वास्थ्य एवं यात्रा एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि यह महाकुम्भ मेला क्षेत्र गंगा,यमुना व अदृश्य सरस्वती नदी के किनारे पर लगभग 4200 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। मेला क्षेत्र में दिन के समय में तापमान कभी-कभी 09 डिग्री तथा रात्रि में लगभग 02 डिग्री तक हो सकता है। दिन में धूप न होने पर घने कोहरे की स्थिति बन जाती है। आपदा से निपटने के लिए मेला प्रशासन द्वारा आपदा की स्थिति में सम्पर्क करने के महाकुम्भ हेल्पलाइन 1920, पुलिस हेल्प लाइन 112, आपदा हेल्पलाइन 1077 जारी की गयी है।
देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु , यात्री व कल्पवासी प्रयागराज की यात्रा से पूर्व निवास स्थान सुनिश्चित करें। बदलते मौसम के अनुसार कपड़े एवं खान-पान का सामान साथ रखें। गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
इसके साथ ही मौसम की पूर्व जानकारी हेतु मौसम विभाग आईएमडी की वेबसाइट देखें। आपदा की पूर्व चेतावनी के लिए सचेत (SACHET/MAUSAM) मोबाइल एप डाउनलोड कर चेक करें।
वही 60 वर्ष से अधिक आयु या पूर्व से बीमार व्यक्ति यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराए। डॉक्टर की सलाह के उपरान्त ही यात्रा करें। पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें। हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी यात्रा के समय विशेष सावधानी बरतें। यदि आप आयुष्मान कार्ड धारक है तो कृपया अपना आयुष्मान कार्ड साथ में रखे जिससे कि आकस्मिकता की स्थिति में सरकारी एवं निजी चिकित्सालय में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज प्राप्त हो सके।
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन ने बताया कि मेला क्षेत्र में स्नान एवं दर्शन के लिए संगम क्षेत्र पहुँचने हेतु पैदल भी चलना पड़ सकता है इसीलिए शरीर में पानी का स्तर बनाये रखने के लिए पानी और ओआरएस का घोल पीते रहें। मेला क्षेत्र में अत्याधिक भीड़ की सम्भावना होने के दृष्टिगत गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें।बच्चों, वृद्धजनों एवं गर्भवती महिलाओं को अकेले स्नान ना करने दें और गहरे पानी में जाने से बचें।
चप्पल-जूते का प्रयोग करें एवं कीचड़ वाले स्थान पर ना चलें। सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें।
मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें। खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।प्रवास के दौरान खाद्य पदार्थों के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतें तथा खुले व दूषित भोज्य पदार्थों के प्रयोग से बचें। धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें। मेला क्षेत्र में मच्छरों से बचाव हेतु यद्यपि छिड़काव, धुंआ किया जाता है, फिर भी मच्छरों से बचने हेतु मच्छर रेपेलेन्ट भी साथ रखें।
कल्पवासियों के लिए जरूरी है कि वह प्रवास के दौरान सरकार द्वारा वाटर एटीएम के पानी का उपयोग करें एवं खाने पीने हेतु उबालने के बाद ही प्रयोग करें। सब्जी, फल इत्यादि को अच्छे से धो कर ही सेवन करें। खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।
वही सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें। मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें।
इसके साथ ही गरम कपड़े, कंबल, रजाई पर्याप्त मात्रा में रखें।धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें। हीटर, अलाव, इत्यादि का प्रयोग टेंट के अंदर ना करें। इससे आग लगने का खतरा हो सकता है तथा हानिकारक गैसों के एकत्र होने से स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती है।