अमित मिश्रा
0 ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से अंधेरे में जीवन यापन करने को बाध्य आदिवासी बस्ती के लोग
सोनभद्र। नगवां ब्लॉक ग्राम पंचायत गोटी बांध के (डुमरिया) आदिवासी ( मुसहर) बस्ती में लगा दस केवीए का ट्रांसफार्मर पिछले दो माह पूर्व जल गया जो अभी तक बदला नहीं गया जिससे आदिवासी बस्ती में निवास करनेवाले रहवासियों में विद्युत विभाग के प्रति रोष व्याप्त है ।
आदिवासी छटंकी ने कहा कि हम लोगों के बस्ती में लगा दस केवीए का ट्रांसफार्मर पिछले दो माह पूर्व जल गया कई बार इसकी सूचना स्थानीय विद्युत कर्मचारियों को दी गई पर बिजली विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की जिससे एक दर्जन से अधिक घरों में अंधेरा छा गया है।
वही आदिवासी अतवारू ने कहा कि अगर यही ट्रांसफार्मर किसी नेता या जनप्रतिनिधि के बस्ती का जला होता तो अब तक बदल गया होता लेकिन हम सब मुसहर जाति के लोग है इस लिए अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है हम आदिवासी बस चुनाव के समय नेताओं को याद आते है खूब अपनेपन का दिखावा करते है नेता चुनाव बाद हम लोगों की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
आप को बता दें कि ये वही आदिवासी मुसहर है जिनको देश के प्रधानमंत्री ने गोद लिया है सरकारी योजनाओं में इनको वरीयता दी जाती है फिर भी बिजली विभाग की लापरवाही से बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से आदिवासियों को वंचित किया जा रहा है।
सोनभद्र। नगवां ब्लॉक ग्राम पंचायत गोटी बांध के (डुमरिया) आदिवासी ( मुसहर) बस्ती में लगा दस केवीए का ट्रांसफार्मर पिछले दो माह पूर्व जल गया जो अभी तक बदला नहीं गया जिससे आदिवासी बस्ती में निवास करनेवाले रहवासियों में विद्युत विभाग के प्रति रोष व्याप्त है ।
आदिवासी छटंकी ने कहा कि हम लोगों के बस्ती में लगा दस केवीए का ट्रांसफार्मर पिछले दो माह पूर्व जल गया कई बार इसकी सूचना स्थानीय विद्युत कर्मचारियों को दी गई पर बिजली विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की जिससे एक दर्जन से अधिक घरों में अंधेरा छा गया है।
वही आदिवासी अतवारू ने कहा कि अगर यही ट्रांसफार्मर किसी नेता या जनप्रतिनिधि के बस्ती का जला होता तो अब तक बदल गया होता लेकिन हम सब मुसहर जाति के लोग है इस लिए अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है हम आदिवासी बस चुनाव के समय नेताओं को याद आते है खूब अपनेपन का दिखावा करते है नेता चुनाव बाद हम लोगों की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
आप को बता दें कि ये वही आदिवासी मुसहर है जिनको देश के प्रधानमंत्री ने गोद लिया है सरकारी योजनाओं में इनको वरीयता दी जाती है फिर भी बिजली विभाग की लापरवाही से बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से आदिवासियों को वंचित किया जा रहा है।