राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने डिजिटाइजेशन के विरोध में किया प्रदर्शन

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अमित मिश्रा

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू हो डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था

सोनभद्र। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग की जनपदीय इकाई द्वारा प्रदेशीय आह्वान पर महासंघ के जनपदीय नेतृत्व में सोमवार को सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं की मौजूदगी में ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

मंडल अध्यक्ष अखिलेश वत्स व जिलाध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा 8 जुलाई से पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति देने का आदेश निर्गत किया गया है जो कि तुगलकी फरमान है। विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जाने ही इस प्रकार के अव्यवहारिक आदेश करते रहते हैं जिनमे आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू करा पाना संभव ही नहीं है।

महामंत्री इंदु प्रकाश सिंह व संगठन मंत्री गणेश पाण्डेय ने कहा कि प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा कई बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं को दूर करने की मांग की गई तथा 14 मार्च 2024 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में धरना भी किया गया था। तब महानिदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इसे लागू किया जाएगा। किंतु मांगे पूरी नहीं की गई। जिला मंत्री देवेंद्र गंगवार व जय प्रकाश विश्वकर्मा मीडिया प्रभारी सौरभ कार्तिकेय ने कहा कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करना चाहते हैं जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।

उपाध्यक्ष शीतल दहलान महिला इकाई की महामंत्री शशिबाला सिंह ने कहा कि महासंघ विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में इस आदेश का बहिष्कार कर रहा है। दूरवर्ती क्षेत्रों में महिलाओं की मूलभूत समस्याओं का निदान न कर यह व्यवस्था लागू करना अन्याय है। जब तक जायज मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक ऑनलाइन उपस्थति/ डिजिटाइजेशन स्वीकार्य नहीं है।

जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश महादेव संयुक्त महामंत्री रविकांत मौर्य, अरूणेश पांडेय ने कहा कि प्रमुख समस्याओं का समाधान किये बिना ही विभागीय अधिकारियों द्वारा भय का वातावरण बनाकर डिजिटाइजेशन /ऑनलाइन उपस्थिति (फेस रिकग्निशन) की व्यवस्था केवल बेसिक शिक्षा विभाग में ही लागू की जा रही है। इससे पूरे प्रदेश का शिक्षक समाज स्वयं को अपमानित एवं ठगा महसूस कर रहा है। शिक्षकों में शासन व विभाग के प्रति व्यापक आक्रोश है। सह मीडिया प्रभारी आनंद देव पांडेय व संदीप तिवारी ने कहा पदोन्नती प्रक्रिया डेढ़ वर्ष से कागजों में घूम रही विभाग वो नही कर रहा है। समस्या निस्तारण किए बिना ऑनलाइन उपस्थिति मंजूर नही।


ज्ञापन सौंपने वालों में जिला उपाध्यक्ष मनीष तिवारी व मेघनाथ प्रसाद, कोषाध्यक्ष संतोष चौरसिया, जिला मंत्री राजेश कुमार, संयुक्त मंत्री कमलेश विश्वकर्मा व कमलेश गुप्ता, ममता, मेघा, मालिनी ब्लॉक अध्यक्ष नगवां दिलीप पाठक, बभनी शिव कुमार, कोन रितेश जयसवाल, चोपन नागेंद्र सिंह, करमा धनंजय मिश्र शामिल रहे।

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