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जीवित व्यक्ति को मृतक बताने वाले ग्राम विकास अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग

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अमित मिश्रा

दुद्धी तहसील के चिल्काडांड गांव का मामला।

सोनभद्र । एक तरफ भाजपा सरकार जहां सबका साथ सबका विकास का नारा बुलंद कर सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ सोनभद्र में जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मंशा के खिलाफ सरकार को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लापरवाही का आलम ऐसा है कि जीवित बुजुर्ग व्यक्ति को मृतक बताकर उनको मिलने वाले सभी लाभ से वंचित कर दिया गया है।
ताज़ा मामला दुद्धी तहसील के चिल्काडांड गांव से प्रकाश में आया है। गांव के रहने वाले अस्सी वर्षीय कामता पाण्डेय के खाते में जा रहा वृद्धा पेंशन महीनों से बंद कर दिया गया तथा कोटेदार द्वारा राशनकार्ड भी जमा करवाकर राशन देना भी बंद कर दिया गया।
जब इसकी शिकायत कामता पाण्डेय जी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर करते हुए वृद्धा पेंशन बहाल करने की मांग किया तो समाज कल्याण अधिकारी सोनभद्र कार्यालय ने आख्या दिया कि वृद्धा पेंशन बहाल करने के लिए जांच कराई गई तो चिल्का टांड़ गांव के ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कामता पाण्डेय को मृतक बताया गया है। इसलिए वृद्धा पेंशन नहीं दिया जा सकता।
समाज कल्याण अधिकारी की आख्या देखकर पीड़ित कामता पाण्डेय के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई और उनका भरोसा सरकार के नारे सबका साथ सबका विकास से उठ गया।
कामता पाण्डेय ने किसी तरह से मामले की जानकारी पूर्वांचल नव निर्माण मंच के पूर्व उपाध्यक्ष गिरीश पाण्डेय को दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए समाजसेवी गिरीश पाण्डेय ने इसे घोर लापरवाही बताते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र को मामले की जानकारी देते हुए जीवित पीड़ित कामता पाण्डेय को राशन कार्ड वृद्धा पेंशन सहित सभी सरकारी योजनाओं का लाभ देने की मांग किया । साथ ही गिरीश पाण्डेय ने गांव के ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जीवित बुजुर्ग को मृतक बताने वाले लापरवाह ग्राम विकास अधिकारी को पद पर रहने का अधिकार नहीं है , उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग भी जिलाधिकारी से गिरीश पाण्डेय ने किया।

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