अमित मिश्रा
डिजिटल और ऑटोमेटिक मशीनों से होगा वाहनों का टेस्टिंग
सोनभद्र। जनपद में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर एक वाहन फिटनेस सेंटर बनकर तैयार हो रहा है। जल्द ही वाहनों के फिटनेस टेस्ट के लिए अब डिजिटल और ऑटो मेटिक मशीनों की टेस्टिंग से गुजरना पड़ेगा। फिटनेस से जुड़े सारे काम अब ऑटो मेटिक तरीके से होंगे। इसके लिए एआरटीओ कार्यालय से करीब 15 किमी की दूरी पर वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर पसही में ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस सेंटर तैयार हो रहा है। इसकी इमारत तैयार हो गई है। हालांकि अभी इसमें कई तरह के तकनीकी और इलेक्टि्रक काम होने हैं। जिसके बाद इसका संचालन दिसम्बर तक कर दिया जाएगा।
परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव ने बताया कि दिसंबर माह से फिटनेस सेंटर से ही वाहनों का फिटनेस होगा। यह स्वचालित उपकरणों के माध्यम से वाहनों का फिटनेस परीक्षण की प्रक्रिया होगा। डिजिटल प्रक्रिया से वाहनों की जांच होगी। प्रमाण पत्र ऑनलाइन होगा। ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस सेंटर में जिले के सभी वाहनों की जाँच डिजिटल प्रक्रिया से की जाएगी।शासन की गाइड लाइन के अनुसार टेस्टिंग का काम होगा।मशीनों के जरिए आठ प्रकार की जांचें हो सकेंगी। मशीनों के जरिये जांच होने पर काम में पारदर्शिता तो आएगी साथ ही वाहन खराबी दूर की जा सकेगी।फिटनेस सेंटर में टायरों की जांच, लाइटिंग की व्यवस्था, पहियों की गति, इंजन की आवाज, सीटों की जांच, प्रेशर हार्न, हेड लाइट से लेकर इंडिकेटर, बैक लाइट समेत अन्य कई प्रकार की जांचें हो सकेंगी। इसके आधार पर प्रणाम पत्र जारी किए जाएंगे। दिसंबर से जिले में भी वाहन स्वामियों को ये सुविधा मिल सकेगी। एआरटीओ ने बताया कि परिवहन विभाग में अभी तक वाहनों की मैनुअल जांच होती थी। इससे विभाग पर आरोप लगते थे। वाहनों में तकनीकी दिक्कतों के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही थी
“दोबारा जांच कराने के लिए जमा करनी होगी फीस”
सोनभद्र। दिशा निर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई वाहन परीक्षण में विफल होता है, तो पंजीकृत मालिक या अधिकृत व्यक्ति पुन:परीक्षण के लिए उचित शुल्क जमा कराकर वाहन की फिर से जांच का अनुरोध कर सकता है. यदि इसके बाद भी वाहन फिटनेस जांच में फेल होता है तो संबंधित वाहन के जीवन चक्र (ईएलवी) को समाप्त घोषित कर दिया जाएगा।