सोनभद्र के विकाश खंड नगवा के माँची , नौडीहा, देवाहार में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम मनाया गया एक्शन एड एचआरडी कमलेश कुमार ने बताया की पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है, और ये सभी चीजें यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है। मनुष्य और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी-बुरी आदतें जैसे वृक्षों को लगाना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छाता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है।
मनुष्य की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही करना पड़ता है। अयोध्या प्रसाद ने बताया कि
यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो की आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पचु खरवार ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या और बड़ी-बड़ी इमारतों के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह-जगह घने वृक्ष काट कर बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण करना पर्यावरण और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हैं। इतना ही नहीं जहां वाहनों का धुआं, मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल आदि की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। जिसके कारण हमें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
अत: आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता से सीधा संवाद कर लोगो को जागरूक किया जाय। पर्यावरण समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि। सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है।
यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि एक-दूसरे पर आश्रित है।
पहला विश्व पर्यावरण दिवस : संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या और बड़ी-बड़ी इमारतों के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह-जगह घने वृक्ष काट कर बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण करना पर्यावरण और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हैं माची के ग्राम प्रधान भुनेश्वर भारती ने बताया कि जीवन में कभी भी ऐसा धूप गर्मी नही था। बहुत ही लोग परेशान बढ़ती तापमान से परेशान हो रहे है तब कमलेश कुमार ने बताया कि मजदूर को काम करना बड़ा ही मुस्किल हो रहा है न ही कोई व्यवस्था है।
फिर उनकी ही बातो को आगे बढ़ाते हुए यह बताया गया की आज कल सभी लोग अपने घरों में फ्रीज , कुलर, पंखा , एसी लगवाने हेतु दुकान पर खरीदने के लिए जा रहे है किंतु कोई भी व्यक्ति पौध शाला (नर्सरी) में पौधा खरीदने नही जा रहा है और और न ही पौधे लगा रहा है तथा पौधो की अंधाधुन कटाई हो रही है प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है । खेतो में तालाब कोई किसान नही बना रहा है जिससे की पानी को स्टोर किया जा सके और मिट्टी में नमी रहे । यही सब कारण से इतनी गर्मी हो रही है और समय से न ही बरसात हो रहा है। मौसम चक्र में काफी बदलाव हो रहे है जिससे मजदूरों, किसानों , व्यापारियों,रिक्शा चालकों,ठेले वाले आम जनता आदि को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । इस लिए इन पर हमे काफी सावधानी बरतनी होगी । और पेड़ लगवाओ, पेड़ जिवाओ ,प्लास्टिक भगाओ ।इसी उद्देश्य को लेकर नगवा ब्लाक के मांची, नौडीहा, देवहार आदि गांवों में वृक्षारोपण कार्यक्रम अभियान के तहत पौधा लगाकर लोगो को जागरूक किया गया ।