अमित मिश्रा
जनसेवा पर जाकर आधार व मोबाइल नम्बर,खतौनी व सह खातेदार का अंश होगा फीड
31 दिसम्बर तक होगा फार्मर रजिस्ट्री ,183 लेखपाल व 58 कृषि विभाग के कर्मचारी लगाए गए
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। भारत सरकार के निर्देश पर किसानो का एग्री स्टैक के अंतर्गत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विवरण संकलित किया जा रहा है,जिसमे किसान का आधार नम्बर,मोबाइल नम्बर, खतौनी नम्बर व गाटा संख्या और सह खातेदार का अंश अंकित होगा। इसके लिए राजस्व ग्रामो में कैम्प लगाया जाएगा जहाँ किसान अपना डाटा फीड करा सकता है। उक्त जानकारी देते जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि पीएम सम्मान निधि प्राप्त कर रहे किसान अपना फार्मर रजिस्ट्री जरूर कराये ताकि उनकी किस्त रुकने न पाये।
जिलाधिकारी ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री के अन्तर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अन्तर्गत तैयार कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जायेगा। इसके लिए भारत सरकार द्वारा भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले कृषकों के ऑनलाइन बकेट तैयार कर राजस्व को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा, जिसका प्रयोग कर राज्य स्तर से फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाना है। फार्मर रजिस्ट्री हेतु किसान स्वयं से अपने एण्ड्राएड मोबाइल के माध्यम से या नजदीकी जन सेवा केन्द्र से या अपने गांव में आयोजित कैम्प के माध्यम से अपना आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर एवं खतौनी की प्रति लेकर आवेदन कर सकते है। आवेदन करने के उपरान्त डाटा को कृषि/पंचायत विभाग/राजस्व कर्मी के सत्यापनोपरान्त गोल्डेन कार्ड कृषक को उपलब्ध कराया जायेगा।
फार्मर रजिस्ट्री कार्य को समय से सम्पादित करने हेतु जनपद के राजस्व विभाग से 183 लेखपाल, कृषि विभाग से 58 कर्मचारी की ड्यूटी राजस्व ग्रामवार लगायी गयी है। जिसमें तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी उप जिलाधिकारी तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी को नोडल नामित किया गया है। पर्यवेक्षीय दायित्व हेतु सम्बन्धित विकास खण्ड के सहायक विकास अधिकारी (कृषि) व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को दिया गया है। जो अपनी देख-रेख में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य निर्धारित समय सीमा के अन्दर करायेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराने हेतु जनपद व तहसील स्तर पर मास्टर ट्रेनर का चयन कर लिया गया है व समस्त तहसील स्तर पर सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है। 03 दिसम्बर से ही सभी कर्मचारी अपने-अपने नामित राजस्व ग्राम में कैम्प लगाकर किसानों का फार्मर रजिस्ट्री का कार्य उपलब्ध कराये गये ऐप के माध्यम से प्रारम्भ करेंगे।
फार्मर रजिस्ट्री के कार्य को सफलता पूर्वक संचालित करने हेतु जनपद स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष तथा मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष व प्रोजेक्ट ऑफिसर तथा उप कृषि निदेशक सदस्य व सचिव नामित किये गये है। जनपद स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी द्वारा योजना सम्बन्धी समस्त कार्य अपने मार्गदर्शन में सुनिश्चित करायेंगे। जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में अपर जिलाधिकारी (भू0/रा0)/मुख्य राजस्व अधिकारी को नामित किया गया है। जो अपनी देख-रेख में एग्री स्टैक फार्मर रजिस्ट्री का कार्य सम्पन्न करायेंगे तथा समय-समय पर समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी को अवगत कराया जायेगा।
एग्री स्टैक फार्मर रजिस्ट्री का प्रथम चरण का कार्य 03 दिसम्बर से प्रारम्भ होकर 31 दिसम्बर तक किया जाना है। उन्होंने यह भी बताया कि समस्त खण्ड विकास अधिकारी अपने-अपने विकास खण्ड में डुग्गी के पिटवाकर प्रचार-प्रसार करायें, जिससे अधिक से अधिक मात्रा में किसान भाइयों को जानकारी प्राप्त हो सके और अपना फार्मर रजिस्ट्री करवा सकें।
पीएम किसान योजना के अन्तर्गत मिलने वाले किस्त हेतु फार्मर रजिस्ट्री का होना अनिवार्य होगा। इसके लिए पीएम किसान के लाभार्थियों का फार्मर रजिस्ट्री में अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए। जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, ईकेवाईसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बयनामा इत्यादि) होने पर फार्म रजिस्ट्री स्वतः ही अधावधिक हो जायेगी।
जनपद के सभी किसान खासतौर से पीएम किसान निधि के पात्र कृषक अपने गांव में लगने वाले कैम्प या जन सेवा केन्द्र के माध्यम से अपना आधार, मोबाइल नम्बर व सभी खतौनी लेकर फार्मर रजिस्ट्री का रजिस्ट्रेशन करायें।
जिन किसान भाईयों द्वारा फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराया जायेगा, उनकी पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त का भुगतान देय नहीं होगा।