वीर अब्दुल हमीद के बलिदान दिवस पर काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

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अमित मिश्रा

काव्य गोष्ठी में सात साहित्यकारों का सारस्वत अभिनंदन किया

सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी के तत्वावधान में सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार कचहरी में परमवीर अब्दुल हमीद के बलिदान दिवस पर वरिष्ठ साहित्यकार पारसनाथ मिश्र की अध्यक्षता व मुख्य अतिथि रामनाथ शिवेंद्र के उपस्थिति में मां सरस्वती व परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण दीपदान पश्चात ईश्वर विरागी के वाणी वंदना मां शारदे मां शारदे मिटे ज्वाल जग जीवन से सिंचित धरा गगन उर कर दे से विधिवत कार्य क्रम आगाज हुआ।

साहित्य समाजसेवा चिकित्सा संगीत शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सारस्वत अभिनंदन किया गया जिसमें डा, लवकुश प्रजापति वरिष्ठ साहित्यकार दुद्धी को साहित्य गौरव, सम्मान जिसे उनके प्रतिनिधि जितेन्द्र चंद्र वंशी ने ग्रहण किया।नजर मोहम्मद नजर वरिष्ठ शायर को शहर ए गालिब, अब्दुल हई वरिष्ठ शायर को शहर ए फिराक, कौशल्या कुमारी चौहान कवयित्री शिक्षक को साहित्य , दिव्या राय कवयित्री शिक्षक को साहित्य वैभव, यथार्थ विष्णु म्योरपुर को साहित्य दीप, गीतकार दिलीप सिंह दीपक को साहित्य सर्जक सम्मान से नवाजा गया और लेखनी पुस्तिका प्रशस्ति पत्र अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह नगद धनराशि देकर सम्मानित किया गया।

प्रथम सत्र में वक्तव्य देते हुए रामनाथ शिवेंद्र संपादक हिंदी साहित्य पत्रिका असुविधा मुख्य अतिथि व अध्यक्षता कर रहे पारसनाथ मिश्र विशिष्ट अतिथि राष्ट्र पति पुरस्कार से सम्मानित किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ओमप्रकाश त्रिपाठी विनोद चौबे एडवोकेट बार अध्यक्ष पूनम सिंह एडवोकेट सुरेन्द्र कुमार पांडेय एड,अजय चतुर्वेदी कक्का वरिष्ठ साहित्यकार ने परमवीर अब्दुल हमीद के बलिदान दिवस पर राष्ट्राभिनंदन करते हुए हमीद के सर्वोच्च बलिदान को नमन कर देश हित में सदैव तत्पर रहने की नसीहत दिये। सम्मान समारोह शहीद स्थल के कार्यों का मूल्यांकन कर निरंतर प्रयास की सराहना करते हुए सम्मानित हुए कवि कवयित्रियों को बधाई दिये।


दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें विरागी ने,थाम लेंगे वक्त को चलने न देंगे सुनाकर कालजयी कवि को नमन किया।नज़र साहब ने,,एक नजर देख ले तेरा जाता क्या है रेत पर लिखता मिटाता क्या है, गंभीर शायरी सुनाया और सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।अब्दुल हई ने,उधर से गुजरा तो झुक कर मिला हिमाला भी,सलीका प्यार का किसने सिखा दिया उसकोसुनाकर आशा वादी जीवन का मूल्यांकन कर विनम्रता सदभाव की बात किये। दिवाकर द्विवेदी मेघ ने ,आदमी के पास से अब जा रहा है आदमी सुनाया और इंसानियत की बात किये।


कौशल्या कुमारी चौहान ने मुझको अबला मत समझो मैं झांसी वाली रानी हूं सुनाकर श्रोताओं को नारी सशक्तीकरण का संकल्प दुहराया।दिव्या राय ने मत रोक सांवरिया घूंघट में मुझे नींल गगन तक जाने दें। सुनाया और नारी शक्ति की उड़ान को रेखांकित किया,,आयोजक प्रदुम्न त्रिपाठीएड निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र ने,देश का गौरव नहीं झुकेगा मां सौगंध तुम्हारी है,तेरे सुवन निडर हम माता मौत भी जिनसे हारी है सुनाकर राष्ट्र अनुराग जगाया वंदेमातरम् जयहिंद के जयकारे बार बार लगते रहे ।वहीं ओज के सशक्त हस्ताक्षर प्रभात सिंह चंदेल ने वीर सैनिक की पाती कविता सुनाकर सबकी आंखें नम कर दिये।

धर्मेश चौहान एडवोकेट राकेश शरण मिस्र नोटरी एडवोकेट सोन साहित्य संगम,यथार्थ विष्णु जै राम सोनी दयानंद दयालू सुधाकर स्वदेशप्रेम मदन चौबे आदि साहित्यकारों ने वीर रस हास्य व्यंग ओज श्रृंगार गीत गजल मुक्तक छंद सवैया सुनाकर वाहवाही लूटते रहे और आयोजन देर शाम तक चलता रहा।सफल संचालन गीतकार दिलीप सिंह दीपक ने किया स्वागत भाषण संयोजक जुल्फेकार हैदर खां ने व्यक्त किया आभार आयोजक प्रदुम्न तिवारी एड ने व्यक्त किए।

इस अवसर पर राजेश पाठक एडवोकेट आत्मप्रकाश तिवारी एडवोकेट जयशंकर त्रिपाठी एड देवानंद पाण्डेय, एड रिषभ शिवमोचन फारुख अली ठाकुर कुशवाहा पुरुषोत्तम बृजकिशोर देव शिखा आद्या आदि सैकड़ों वादकारी अधिवक्ता गण देर शाम तक जमे रहे।

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