अमित मिश्रा
सोनभद्र। ओबरा सी थर्मल पावर कार्पोरेशन के निर्माण कार्य करने वाली दुसान कम्पनी का सह संविदाकार इंडवेल कंपनी के निदेशक केवाई चक्रवर्ती, महाप्रबंधक जी श्रीनिवास राव एवं साइड इंचार्ज बीपी ज्ञानेश्वर के विरुद्ध अधिवक्ता विकास शाक्य द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
मे0 इन्डवेल कंस्ट्रक्शन प्रा0 लि0 कम्पनी ओबरा तापीय परियोजना के सी प्लांट विस्तारीकरण मे दुसान कंपनी की निर्माण में सहायक कंपनी थी। इन्डवेल ने स्थानीय स्तर पर के0 एन0 इंस्ट्रूमेंट फर्म के प्रोपराइटर काशीनाथ प्रसाद से कार्य कराया। कार्य के सापेक्ष 8369117/रू (तिरासी लाख उन्हत्तर हजार एक सौ सत्तरह रुपए ) का हिसाब था।
बकाया पैसा मांगने पर गाली गलौज और मारपीट करने पर उतर आये तथा बगैर भुगतान के सारा समान लेकर भागने लगे तब परियोजना ने काशीनाथ प्रसाद के याचना पर सामानों की निकासी पर रोक लगा दी परंतु बकाया धनराशि का संदय नहीं किया जा रहा था इस प्रकरण के पूर्व डीएलसी कार्यालय पिपरी तथा राबर्ट्सगंज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में मामला चला परंतु कोई सफलता नहीं मिलने पर अधिवक्ता विकास शाक्य ने काशीनाथ प्रसाद की ओर से याचिका सोनभद्र न्यायालय में प्रस्तुत की जिस पर सुनवाई करते हुए अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट दीक्षी चौधरी की अदालत ने इंडवेल कंपनी के निर्देशक केवाई चक्रवर्ती महाप्रबंधक जी श्रीनिवासी राव तथा साइड इंचार्ज बीपी ज्ञानेश्वर पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने आदेश ओबरा थाना को दिया है।