अमित मिश्रा(8115577137)
बिल्ली मारकुंडी व डाला बाड़ी की खदानों पर एनजीटी सख्त, तलब की किया रिपोर्ट
पर्यावरण को संरक्षित किये बगैर जीवन की कल्पना नही की जा सकती: ऋतिशा गोंड
सोनभद्र। जनपद में डोलो स्टोन खनन क्षेत्र में हैवी ब्लास्टिंग से घरों की दरकती दीवारों, शिक्षण संस्थाओंं पर मडराते खतरे और फराटिक लेवल की गहरी खदानों पर एनजीटी सख्त रुख अपनाते हुए अधिवक्ता ऋतिशा गोड की याचिका पर मेसर्स राधे राधे समेत चार खदानों को नोटिस जारी किया है। उक्त जानकारी याची के अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने दी।
याची के अधिवक्ता उच्च न्यायालय और एनजीटी में जनमुद्दों पर लगातार आवाज उठाने वाले अभिषेक चौबे ने बताया कि 2019 के एक मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के आबादी से निश्चित दूरी के बाद ही ब्लास्टिंग करने की अनुमति देता है परंतु बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में इसका खुला उल्लंघन हो रहा है। इस क्षेत्र में खदानें इतनी गहरी है कि नवाटर लेवल के नीचे तक पानी निकाल कर खनन हो रहा है जिससे पूरा पर्यावरण का संतुलन ही बिगड़ जा रहा है पूरे मामले को साक्ष्य के साथ याची ऋतिशा की याचिका में मामले को उठाया गया है जिसे एनजीटी ने स्वीकार कर सभी पक्षों से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 21 नवंबर को होनी है।
मामले मे याची ऋतिशा गोंड ने बताया कि मेसर्स राधे-राधे इंटरप्राइजेज,मेसर्स कृष्णा माइनिंग,साई बाबा स्टोन, कामख्या स्टोन की खदान पूर्ण रूप से मानक के विपरीत चल रही है और भूमिगत जल स्रोत से भी नीचे जा कर लगातार भारी मशीनों से पानी निकाल कर निष्प्रयोजन बहाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे जा रहा है एक दिन ऐसा होगा कि लोग बून्द बून्द पानी के लिए तरस जाएंगे।
उन्होंने बताया कि खदानें आवासीय, सार्वजनिक स्थानों के बेहद नजदीक है जिसमें हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है घरों के दीवारें टूट रही हैं आईटीआई, डिग्री कॉलेज जहां बच्चे पढ़ते हैं कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्राकृतिक जल स्रोत के नाले जो सोन नदी की सहायक थी उसे बिल्कुल नष्ट कर दिया गया है। नदी को बचाएं बगैर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है इसलिए पर्यावरण संतुलन और जीवन सुरक्षा के लिए यह संघर्ष जरूरी है।इसके साथ ही अगली सुनवाई में और भी महत्वपूर्ण साक्ष पेश किया जाएगा।