अजीत
प्रतापगढ़। केन्द्र और प्रदेश सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली पर रोक लगाने के लिए कई कड़े कानून बनाये है लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले अभी भी स्वतंत्र घूम रहे है। ऐसे ही मामले का पुलिस ने खुलासा किया है।
जनपद में सैकड़ों छात्रों से मेडिकल कोर्स के नाम पर लाखो रुपए की गई वसूली, फिर फर्जी कालेज प्रबंधक ने कालेज को रिसार्ट में तब्दील कर दिया। पुलिस ने छात्रों की शिकायत पर फर्जी कालेज प्रबंधक आशीष यादव को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है और गिरफ्तार प्रबंधक आशीष यादव के पास से लैपटॉप,4 मोबाइल फोन, छात्रों के फर्जी आईकार्ड,गेटवे इस्टीट्यूट ऑफ़ एजूकेशन सोसाइटी व सिंघानिया यूनिवर्सिटी की मोहर,चेकबुक, क्यूआर कोड समेत तमाम सामग्री पुलिस ने बरामद किया है।
वही पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आशीष यादव ने फेल छात्रों को पास करने, कम पैसे में विभिन्न कोर्स और डिप्लोमा करने का झांसा देकर गेटवे नाम से कॉलेज खोला, कॉलेज का प्रसार प्रचार करके बड़ी संख्या में छात्रों से मोटी फीस वसूली और पैसा लेकर 2 महीने में ही कॉलेज को बंद करके वहां पर रिसोर्ट बना दिया गया। जिन छात्रों ने एडमिशन लिया उनको कूटरचित कागजों पर डिग्री थमा दी गई,मामले का पता चलने पर जब छात्रों ने हंगामा किया तो कॉलेज प्रबंधक द्वारा छात्रों के साथ मारपीट और गाली गलौज करते हुए धमकाया, पीड़ित छात्रों ने इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।
मामला छात्रों से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधीक्षक ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले में जांच की आदेश दिए, इसके बाद फर्जी कॉलेज प्रबंधक आशीष यादव समेत आठ लोगों पर संग्रामगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए प्रबंधक आशीष यादव को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आज पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए छात्रों के साथ चल रहे खिलवाड़ और फ्रॉड का खुलासा भी किया।
ऐसे रचा गया ठगी का चक्रव्यूह – आरोपी आशीष यादव परास्नातक व कंप्यूटर में पढ़ाई की है, उसने अपने परिवार के सदस्यों व मित्रों के नाम पर उत्थान सेवा समिति नाम से सोसायटी रजिस्टर कराकर शांतिपुरम चौराहा फाफामऊ प्रयागराज में ऑफिस खोलकर प्रचार प्रसार कर फेल छात्रों को पास कराने ,कम पैसे में विभिन्न प्रकार के कोर्स जैसे डिप्लोमा इनफार्मेसी बीएससी, नर्सिंग, एनएम, जीएनएम, एक्स-रे टेक्निशियन ,योगा डिप्लोमा, गेटवे कॉलेज गर्व एजुकेशन सोसाइटी इत्यादि संस्थाओं के नाम से संचालित कर छात्रों से विभिन्न माध्यमों से पैसा लेकर नियम के विपरीत छल और कूटरचना करके फर्जी व जाली प्रमाण पत्र प्राप्त करवा कर मोटा लाभ कमाता था। वही इसके लिए आशीष यादव द्वारा 70 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक एक छात्रों से पैसे वसूले जाते थे,8 वर्षों से यह ठगी का खेल चल रहा था।
200 छात्रों का मामला आया प्रकाश में और भी बढ़ सकती है छात्रों की संख्या: फर्जी कालेज और डिग्री का मामला पता चलने पर छात्रों ने पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि पुलिस से अभी तक 200 छात्रों ने मामले की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस को अभी आशंका है कि अभी ऐसे छात्रों की संख्या और बढ़ सकती है, जो की शिक्षा के नाम पर ठगी के शिकार हुए हैं।
इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सैकड़ों छात्र ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामले की शिकायत की थी,जिसके बाद पुलिस ने फर्जी प्रबंधक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और आरोपी आशीष यादव के खाते से 9 लाख 60 हजार रुपए फ्रिज कर दिया है।